लंदन. जज साहब, मैं 14 साल की हूं और मैं अभी मरना नहीं चाहती, लेकिन मैं अब मरने जा रही हूं. मेरे शव को फ्रीज कर दिया जाए, क्या पता मैं 100 साल बाद जाग जाऊं. यह खत लंदन की एक लड़की ने मरने से पहले जज को लिखा था, जिस पर हाई कोर्ट ने अब मुहर लगा दी है.
दरअसल 14 साल की ब्रिटिश लड़की कैंसर से पीड़ित थी. उसकी ख्वाहिश दुनिया में रहने की थी लेकिन वह कैंसर से पीड़ित थी. उसने मरने से पहले जज को एक चिट्ठी लिखा जिसमें उसने कहा, ‘जज साहब, मैं अभी महज 14 साल की हूं और मैं अभी मरना नहीं चाहती लेकिन मुझे यह भी पता है कि मैं मरने जा रही हूं. मुझे उम्मीद है कि क्रायोनिक्स मुझे एक और जिन्दगी दे सकती है चाहे उसमें 100 साल ही क्यों न लग जाए.’
हालांकि लड़की ने मरने से पहले अपनी मां को कानूनी अधिकार भी दिया है कि उसकी मां जब चाहे उसका अंतिम संस्कार कर सकती है. लड़की की मां ने तो बेटी का साथ दिया लेकिन उसके पिता ने आपत्ति जताई. लड़की के माता-पिता तलाक के बाद अलग-अलग रहते हैं.
वहीं कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लड़की की मौत हो गई है अब उसके शव को क्रायोनिक्स किया जाएगा. फैसला सुनाने वाले जज ने पीटर जैकसन ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा फैसला है जो आज तक किसी को नहीं दिया गया था.