नोटबंदी : धन्नासेठों के हाथ मोहरे बने मजदूर, काले धन को कर रहे हैं सफेद

केंद्र सरकार के 500, 1000 रुपए की घोषणा के बाद काला धन रखने वाले धन्नासेठों (कारोबारी) ने काले को सफेद करने का अनोखा तरीका अपनाया हुआ है. इन कारोबारियों ने अपनी फैक्टरी, कारखानों को बंद करके वहां काम करने वाले मजदूरों को कालेधन को सफेद करने के काम में लगा दिया है.

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नोटबंदी : धन्नासेठों के हाथ मोहरे बने मजदूर, काले धन को कर रहे हैं सफेद

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  • November 18, 2016 7:45 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के 500, 1000 रुपए की घोषणा के बाद काला धन रखने वाले धन्नासेठों (कारोबारी) ने काले को सफेद करने का अनोखा तरीका अपनाया हुआ है. इन कारोबारियों ने अपनी फैक्टरी, कारखानों को बंद करके वहां काम करने वाले मजदूरों को कालेधन को सफेद करने के काम में लगा दिया है. इस काम के लिए मजदूरों को बकायदा कमीशन के तौर पर रोजाना के 500 रुपए भी दिए जा रहे हैं. 
 
दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्टरियों में नोटबंदी के बाद से काम बंद है. फैक्टरी मालिकों ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों को इस एरिया की बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक की शाखाओं में नोट बदलने के काम में लगाया हुआ है. इन बैंकों के बाहर ऐसे मजदूरों की भारी भीड़ देखी जा सकती है, जोकि इस एरिया में किसी ना किसी फैक्टरी में काम करते है. 
 
खबर के अनुसार साहिबाबाद के अलावा, पटपड़गंज इंडस्टियल एरिया में भी कमोवेश एक ही जैसी स्थिति देखने को मिली. यहां भी फैक्टरियों में कामकाज ठप पड़ा है और कारीगर अपने मालिकों के काले धन को सफेद करने में जुटे हुए हैं. 

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