मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से नए नोटों के साथ साथ बाजार में अचानक टैक्स प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ गयी है. लोग अपने काले धन को ठिकाने लगाने के लिए हर सम्भव तरीका खोज रहे हैं और इसी के चलते टैक्स प्रोफेशनल्स के भी वारे न्यारे हो रहे हैं.
नई दिल्ली. मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से नए नोटों के साथ साथ बाजार में अचानक टैक्स प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ गयी है. लोग अपने काले धन को ठिकाने लगाने के लिए हर सम्भव तरीका खोज रहे हैं और इसी के चलते टैक्स प्रोफेशनल्स के भी वारे न्यारे हो रहे हैं.
काले धन को सफेद करने की ऐवज में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स कंसल्टेंट्स 5 से 25 प्रतिशत तक चार्ज लोगों से ले रहे हैं. इस मोटी फीस के बदले यह बिना किसी टैक्स के चक्कर में फंसे किस तरह पैसा बैंक में जमा कराया जाए यह सलाह अपने क्लाइंट को दे रहे हैं. इसमें कुछ इस तरह की सलाहें शामिल हैं.
टैक्स प्रोफेशनल्स अपने क्लाइंट्स को बता रहे हैं कि कैसे ईमानदार शख्स को तो इस निर्णय से दुखी होने की जरुरत नहीं है. सरकार भी पहले ही बता चुकी है कि 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा करने पर कोई जांच के दायरे में नहीं आएगा. बाकियों को यह सलाह दे तरह हैं कि पैसों को घर की सेविंग्स बता कर या ट्यूशन और अन्य किसी तरह की क्लास बता कर बैंकों में जमा कराया जा सकता है.
हालांकि इसकी भी एक सीमा है लेकिन जिनके पास काला धन है वह सरकार के इस कड़े फैसले से बचने के लिए हर संभव नुस्खा चाहता है. इसके अलावा रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने वाले गिफ्ट्स के तौर पर भी लोगों को पैसे जामा कराने की सलाह यह लोग दे रहे हैं. हालांकि ध्यान रहे कि इन तमाम तरीकों के बावजूद एक सीमा से ज्यादा पैसा होने पर आपसे डिटेल में जानकारी मांगी जा सकती है.