संसद के मॉनसून सत्र का गुरुवार को दूसरा दिन है. विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में शुक्रवार को चर्चा होगी. मोदी सरकार आंकड़ों के खेल में फेल नहीं होगी, इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पूरी तरह से आश्वस्त हैं. सरकार ने मतदाताओं को पिछले 4 साल के विकास कार्यों की जानकारी देना शुरू कर दिया है. विपक्ष के तल्ख तेवरों को साधने के लिए बीजेपी अब अपने वाकपटुता में माहिर प्रवक्ताओं को भी आगे करने वाली है.
नई दिल्लीः संसद के मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के सांसद आज भी सदन में आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर सकते हैं. विपक्ष ने सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया. नोटिस को मंजूर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को इस चर्चा कराने को कहा है. विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए अब मोदी सरकार अपने तेजतर्रार प्रवक्ताओं को विपक्ष को साधने में लगाने की तैयारी कर रही है.
टाइम्स ग्रुप की खबर के अनुसार, मोदी सरकार संभावित मतदाताओं तक पिछले 4 साल की उपलब्धियों को पहुंचाने की तैयारी कर रही है. सरकार विपक्ष को साधने के लिए अपने तेजतर्रार प्रवक्ताओं और नेताओं को आगे करने की तैयारी कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद और सुषमा स्वराज विपक्षी दलों को संसद में मुंहतोड़ जवाब देंगे. लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान दलित मुद्दों पर विपक्ष के धारदार सवालों का जवाब दे सकते हैं.
अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देंगी. सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा के दौरान पीएम मोदी अपनी भाषण देने की शानदार कला से विपक्ष पर निशाना साध सकते हैं. अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी को लेकर बीजेपी आश्वस्त है कि भले ही उनके कुछ सहयोगी दलों से मतभेद जरूर हैं लेकिन वोटिंग होने की दशा में वह उनके साथ ही जाएंगे.
बीजेपी को उम्मीद है कि एआईएडीएमके, शिवसेना, टीआरएस उनके पक्ष में ही मतदान करेंगे. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हमें विश्वास है कि एनडीए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ एकजुटता से वोट देगा. बता दें कि सरकार बनाए रखने के लिए 543 की लोकसभा में 272 के बदले 268 पर बहुमत साबित होगा. 9 सीटें इस्तीफे और निधन के कारण खाली हैं. एनडीए के पास 312 सांसदों का समर्थन है. ऐसे में मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरी तरह निश्चिन्त नजर आ रही है.
पीएम मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मकसद सरकार गिराना नहीं, जनता में अविश्वास पैदा करना