मुंबई. भले ही नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार अपनी पीठ थपथपा ले, लेकिन इससे होने की परेशानियों की जिम्मेदारी भी सरकार को ही लेनी होगी. आज मुंबई में नोटबंदी के कारण ही एक नवजात की मौत हो गई है, क्योंकि ऑस्पिटल ने 500 और 1000 के नोट लेने से साफ इनकार कर दिया.
मासूम बच्चे ने दुनिया में अपनी आंखें भी नहीं खोली थी कि उसकी आंखें सदा के लिए बंद हो गईं.
mumbaimirror.indiatimes.com में छपी खबर के मुताबिक यह घटना मुंबई के गोवंदी के जीवन ज्योत हॉस्पिटल एंड नर्सिंग की है. हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार ने कहा कि रेलवे, पेट्रोल पंप और हॉस्पिटलों में सभी पुराने नोट चलेंगे. मासूम के पिता जगदीश शर्मा ने शिवाजी नगर में अस्पताल के खिलाफ शिकायत करने पहुंचे लेकिन उन्हें महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल जाने की सलाह देकर भगा दिया गया.
समय से पहले हुआ बच्चे का जन्म
बता दें कि शर्मा की बीवी किरण का इलाज अस्पताल के डॉक्टर शीतल कामथ की देखरेख में 18 अप्रैल से हो रहा था. किरण को बताया गया था कि उनकी डिलिवरी 7 दिसंबर के करीब होगी. लेकिन 9 नवंबर को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्होंने बच्चे को जन्म दिया.
समय से पहले डिलिवरी के कारण किरण को काफी ब्लिडिंग हुई और बच्चा भी प्रीमैच्योर था. इसके बाद किरण के पति ने इलाज के लिए 6000 रुपये जमा किए, लेकिन उनके पास 500 और 1000 के नोट थे जिसे लेने से अस्पताल ने इनकार कर दिया और जज्जा-बच्चा दोनों को वापस घर भेज दिया. शुक्रवार को हालात बिगड़ने के बाद बच्चे को दूसरे डॉक्टर के पास ले जाया गया जहां बच्चे की मौत हो गई.