नई दिल्ली. पूर्व न्यायाधिश मार्कंडे काटजू पर न्यायालय की अवमानना का केस चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या मर्डर केस में ब्लॉग लिख कर जजों की आलोचना करने पर काटजू को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया है.
काटजू को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 6 हफ्तों का समय दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि जस्टिस गोगोई पर काटजू की टिप्पणी तीन जजों की बेंच की आलोचना थी.
सौम्या मर्डर केस में मार्कंडे काटजू ने आज निजी तौर पर कोर्ट में बहस की. इस मामले की सुनवाई के दौरान आज एक वक्त ऐसा आया था जब कोर्ट को जस्टिस काटजू को बाहर निकालने के लिए स्कॉट को बुलाना पड़ा था.
काटजू बोले, डरा नहीं सकते मुझे
काटजू ने कहा, ‘आप मुझे डरा नहीं सकते हैं. आप मुझे धमकाए ना. ये किसी जज के काम करने का तरीका नहीं है. आपने ही मुझे बुलाया था. बुलाने के बाद इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है. मैं डरने वाला नहीं हूं. जज को आदर्श व्यवहार करना चाहिए, वो ऐसा ही करें.’
यह न्यायपालिका के इतिहास में पहला मौका है जब किसी रिटायर्ड जज को सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना के मामले में नोटिस जारी किया हो. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी रिटायर्ड जज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ व्यतिगत तौर पर कोर्ट में बहस की हो.
काटजू ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया था.
क्या पोस्ट लिखा था काटजू ने ?
काटजू ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कोर्ट के फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने लिखा था कि आरोपी को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया जिससे वह फांसी से बच निकला.
इसके बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति यू यू ललित की एक पीठ ने काटजू को एक नोटिस जारी करके कहा था कि वे एक अच्छे आदमी हैं. इसलिए हम उनसे निजी तौर पर बात करना चाहते हैं. वे अदालत में पहुंचकर हमारे फैसलों की खामियों को उजागर करें.
क्या है सौम्या मर्डर केस ?
बता दें कि 23 फरवरी 2011 को सौम्या ट्रेन से केरल के शोरनुर जा रही थी. इसी दौरान गोविन्दाचामी ट्रेन में चढ़ा, सौम्या के साथ लूटपाट और विरोध करने पर सौम्या को ट्रेन से नीचे फेंक दिया. इसके बाद वह ट्रेन से कूद गया और सौम्या का रेप कर डाला.
इसके बाद 6 फरवरी को इलाज के दौरान सौम्या की मौत हो गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गोविन्दाचामी को सिर्फ रेप का दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले पर सौम्या की मां ने कहा था कि ये न्याय व्यवस्था की हार है. बेटी को इंसाफ नहीं मिल सका.