नोटबंदी के समय में एसबीआई की सहयोगी शाखाओं के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है. एसबीआई ने निर्देश जारी किए हैं कि सहयोगी बैंक शाखाओं जैसे स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर व अन्य के जिन कर्मचारियों को नोटबंदी के समय ओवरटाइम का एक्स्ट्रा भुगतान किया गया था उसे वापस लिया जाएगा. SBI के इस फैसले से कर्मचारियों में काफी रोष है.
नई दिल्लीः नोटबंदी के दौरान ओवरटाइम करने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोगी बैंको 70,000 के कर्मचारी में एसबीआई के खिलाफ काफी रोष है. इस कर्मचारियों को नोटबंदी के दौरान ओवरटाइम करने के लिए एसबीआई मे एक्स्ट्रा अमाउंट पे किया था. जिसे अब एसबीआई कर्मचारियों से वापस चाहता है. एसबीआई के फरमान से कर्मचारियों में काफी गुस्सा है.
भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और स्टेट बैंक ऑफ जयपुर के कर्मचारियों ने नोटबंदी के समय ओवरटाइम काम किया था. जिससे कि लोेगों को परेशानी ना हो, बैंक ने सहयोगी बैंकों के इस कर्मचारियों को उसका भुगतान भी किया था लेकिन अब एसबीआई वह अमाउंट वापस चाहती है.
पूर्व सहयोगी बैंकों के विलय से पहले की अवधि से संबंधित दावा को ई-पूर्व सहयोगी बैंकों द्वारा समय पर निपटाया जाना चाहिए था और हमारे पास भुगतान करने के लिए किसी भी प्रतिबद्धता का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इस वर्ष के शुरू में जारी निर्देश के अनुसार मुआवजे का भुगतान केवल उन लोगों के संबंध में था जो एसबीआई शाखाओं के लिए काम करते थे.
एसबीआई ने अपने जोन्स को निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों को जो एक्स्ट्रा भुगतान किया गया था उसे वापस लिया जाए. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी के ऐलान के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लाइनें लगी थी. लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े इसलिए कर्मचारियों ने तीन से आठ घंटे तक अपनी ऑफिस टाइमिंग से ज्यादा काम किया था. जिसके लिए एसबीआई ने उन्हें ज्यादा भुगतान करने की बात कही थी और किया भी था. लेकिन अब बैंक का यह फैसला कर्मचारियोें में रोष का कारण बन रहा है. वे बैंक के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.