नई दिल्ली. पहले भारत ने पीओके में घुसकर पाकिस्तान के आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की उसके बाद काले धन पर. भारत के इस दोहरे वार ने पाकिस्तान और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की कमर तोड़कर रख दी है. इसके बाद भी दाऊद और पाकिस्तान अपनी करतूत से बाज नहीं आ रहे है.
खुफिया सूत्रों ने बताया कि 500 और 2000 के नए नोटों की कॉपी किया जाना नामुमकिन है. ये इतना नामुमकिन की पाकिस्तान भी इनकी कॉपी कभी नहीं कर सकता. एक अंग्रेजी अखबार ने खुफिया एजेंसी के अधिकारी से इस मुद्दे पर बात की.
अखबार के मुताबिक एजेंसियों का दावा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सेंध लगाने के लिए वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने देश में जाली नोटों का नेटवर्क फैला लिया है. इन नोटों में जिस प्रकार सुरक्षा के मापदंड अपनाए गए हैं. उनकी नकल कर पाना पाकिस्तान और आतंकवादियों के लिए लगभग नामुमकिन ही है.
एक आला सरकारी अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि रॉ, आईबी और डीआरआई ने पिछले 6 महीनों से पाकिस्तान में खुफिया रूप से छप रहे नोटों की अच्छे से जांच की है. हालांकि अधिकारी ने इस बात को बताने से मना कर दिया कि नए नोट पर कितने सुरक्षा फीचर्स इस वक्त मौजूद हैं लेकिन इतना जरूर कहा कि इसकी नकल कर पाना मुश्किल है.
खुफिया एजेंसियों ने रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को पहले ही इस बात की जानकारी दे दी थी कि आईएसआई ने पाकिस्तान के पेशावर में एक खास तरह की प्रैस तैयार कर रखी है, यहां सिर्फ नकली भारतीय नोट ही छापे जाते हैं. छापे जाने वाले ज्यादातर नोट 500 और 1000 रुपए के ही होते हैं. आईएसआई लश्कर-ए-तैयबा, दाऊद इब्राहिम और अन्य अंतरराष्ट्रीय आपराधिक समूहों को अपने नेटवर्क के जरिए भारत की नकली मुद्रा भारत में पहुंचाती है.
एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान में हर साल 70 करोड़ रुपए के नकली नोट छपते हैं और उन्हें भारत में भेजते हैं. ज्यादातर इस रकम का इस्तेमाल आतंकवाद और देश में अव्यवस्था फैलाने में होता है. गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि नवाज सरकार पाकिस्तान में नकली नोट छापने की प्रेस को जल्द बंद कर देंगे.