कोयला मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि महान कोल ब्लॉक की नीलामी नहीं की जाएगी. मंत्रालय ने यह निर्णय पर्यावरण और वन मंत्रालय के उस सुझाव पर लिया है जिसमें महान कोल ब्लॉक को खनन से बाहर रखने की बात कही थी. सरकार के इस फैसले से एस्सार एनर्जी को बड़ा झटका लगा है जिसे अपने पावर प्लांट के लिए जंगल में खनन करने की उम्मीद थी।
नई दिल्ली. कोयला मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि महान कोल ब्लॉक की नीलामी नहीं की जाएगी. मंत्रालय ने यह निर्णय पर्यावरण और वन मंत्रालय के उस सुझाव पर लिया है जिसमें महान कोल ब्लॉक को खनन से बाहर रखने की बात कही थी. सरकार के इस फैसले से एस्सार एनर्जी को बड़ा झटका लगा है जिसे अपने पावर प्लांट के लिए जंगल में खनन करने की उम्मीद थी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रीनपीस की सीनियर कैंपेनर प्रिया पिल्लई ने कहा, ‘सरकार के इस फैसले से ग्रीनपीस और महान संघर्ष समिति के चार सालों से प्रस्तावित खदान के विरोध में चल रहे आंदोलन को वैधता मिली है. सरकार के एक वर्ग द्वारा राष्ट्रविरोधी कहने के बाद खुद सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला स्वागतयोग्य है.’
पर्यावरण व वन मंत्रालय ने कोयला अध्यादेश के अनुसूची II और III में शामिल 74 ब्लॉक्स में से सिर्फ तीन कोयला ब्लॉक महान, मरकी मंगली II और नमचिक-नमफुक को खनन न करने का सुझाव दिया था.