नई दिल्ली. 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन को लेकर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को यह फैसला ‘जल्दबाजी’ में उठाया गया कदम करार दिया है. ओवैसी ने कहा है कि इस फैसले से अफरा-तफरी की स्थिति बन गई है और मध्यम वर्ग और गरीबों को परेशानी में डाल दिया है.
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह अपने इस फैसले को तत्काल वापस लें. उन्होंने कहा कि भारत के सिर्फ दो प्रतीशत लोग ही नगदी रहित अर्थव्यवस्था में लेन-देन कर पाते हैं, जबकि बचे 98 प्रतीशत लोगों की लेन-देन नकदी के जरिए होती है.
उन्होंने कहा कि लोग यथा दिहाड़ी मजदूर, नलकार चालक और नौकरानियां नकदी के जरिए अपने रोज के जीवन में अर्जित करते हैं. ओवैसी ने आगे कहा कि यह फैसला जल्दबाजी में किया गया है और अब ये सभी गरीब लोग, मजदूर, खेतिहर मध्यमवर्ग और चालक गंभीर परेशानी में हैं.
उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद इन लोगों में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद बाजार में पहले से ही उथल-पुथल पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि जानें कितने लोगों को अपना वेतन नकदी में मिलता है, उन्हें अब पता नही है कि वे इस स्थिती में क्या करें.