10 महीनों से चल रही थी 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की तैयारी, जानिए किन चुनिंदा लोगों को थी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मंगलवार को 500 और 1000 के नोट बंद करने के ऐलान के बाद पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है. पीएम ने बेशक मंगलवार को इसकी घोषणा की हो, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके लिए कवायद पिछले 10 महीनों पहले से शुरु कर दी थी.

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10 महीनों से चल रही थी 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की तैयारी, जानिए किन चुनिंदा लोगों को थी जानकारी

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  • November 9, 2016 5:59 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मंगलवार को 500 और 1000 के नोट बंद करने के ऐलान के बाद पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है. पीएम ने बेशक मंगलवार को  इसकी घोषणा की हो, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके लिए कवायद पिछले 10 महीनों पहले से शुरु कर दी थी. 
 
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने 10 महीने पहले ही बाजार से काले धन को खत्‍म करने के लिए इस पर काम करना शुरु कर दिया था. खबरों के अनुसार सरकार ने हिसाब लगाकर 300 करोड़ रुपए के नोट छापना शुरू कर दिया था. यह नोट अब केवल बैंक और डाकघरों के अलावा एयरपोर्ट पर उपलब्‍ध होंगे.
 
एमपी में छप चुके हैं 500 के नोट
खबरों के अनुसार मध्‍य प्रदेश के देवास में स्थित नोट प्रेस में भी 500 रुपए के नोट भी छप चुके हैं और इनका पहला कंसाइंनमेंट तैयार करके भोपाल भेजा जा चुका है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है लेकिन करीब डेढ़-दो माह पहले से देवास स्थित बैंक नोट प्रेस में 500 के नए नोट छपना शुरू हो गए थे. 
 
इनको थी आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का जानकारी
खबर के अनुसार केंद्र सरकार के इस फैसले की जानकारी कुछ मुट्ठी भर लोगों को थी. माना जा रहा है कि ये लोग प्रिंसिपल सेक्रटरी नृपेंद्र मिश्रा, पूर्व और वर्तमान आरबीआई गवर्नर, वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास और वित्त मंत्री अरुण जेटली. सूत्रों के मुताबिक, योजना को लागू करने की प्रक्रिया दो महीने पहले शुरू हुई. 
 
ब्लैकमनी पर नकेल कसने के लिए उठाया गया कदम
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जाली नोट ज्यादा बड़ी समस्या नहीं हैं. ऐसे नोट 400 से 500 करोड़ रुपए के हो सकते हैं. बाजार में चल रहे नोटों के मुकाबले, ये रकम बेहद छोटी है. योजना का असली मकसद ब्लैक मनी पर कार्रवाई है.
 

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