यूं तो राष्ट्रपिता महात्मां गांधी जी के बारे में कई बाते कही जाती हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि एक बार गांधी जी ने नर्स की मदद लेेने की जगह खुद अपने बच्चे की डिलीवरी करवाई थी. अगर वे बीमार होते तो बस नमक चीनी खाना बंद कर देते लेकिन डॉक्टर के पास नहीं जाते थे.
नई दिल्ली. गांधी जी के राजनीतिक जीवन को ज्यादातर लोग जानते हैं, भारत में उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने आंदोलनों से कैसे आम जनता को जोड़ा और देश को आजादी दिलवाई, उसे तो हर कोई जानता ही है। इतिहास और गांधीजी में ज्यादा रुचि रखने वालों को उनके साउथ अफ्रीका में किए गए आंदोलनों के बारे में भी पता है, लेकिन गांधीजी से जुड़ी तमाम ऐसी बातें हैं, जिनको आमतौर पर स्कूल की किताबों में नहीं पढ़ाया जाता। खासतौर पर उनके प्रयोगों के बारे में जो वो ब्रह्मचर्य, चिकित्सा, खान-पान आदि में करते थे। ऐसे में किसी को बहुत कम लोगों को ये बात पता है कि गांधीजी ने अपने एक बेटे की डिलीवरी नर्स की जगह खुद करवाई थी।
गांधीजी के चार बेटे थे, जिसमें से दो भारत में पैदा हुए और बाकी के दो साउथ अफ्रीका में पैदा हुए। हरिलाल और मणिलाल भारत में पैदा हुए तो रामदास और देवदास साउथ अफ्रीका में पैदा हुए थे। दरअसल गांधीजी करीब दो दशक तक साउथ अफ्रीका में रहे थे, पढ़ाई के बाद दादा अब्दुल्ला का केस लड़ने वहां गए तो वहीं के होकर रह गए, बाद में परिवार को भी वहीं ले गए। एक बार छोड़कर भी आ गए, लेकिन वहां की जनता ने फिर नए आंदोलन के लिए बुला लिया। इस तरह उनके बेटों की भी परवरिश वहीं हुई फीनिक्स आश्रम में।
गांधीजी चिकित्सा के लेकर तमाम तरह के प्रयोग करते थे, कई बीमारियों के इलाज के लिए वो डॉक्टर के पास जाने के बजाय नमक, चीनी आदि खाना बंद कर देते थे, तो कभी दाल। दूध तो उन्होंने लम्बे समय तक पीना छोड़ दिया था। पेट में दर्द होने पर गीली मिट्टी बांध लेते थे। लेकिन जब कस्तूरबा की प्रेग्नेंसी के दौरान वो बच्चे की डिलीवरी में सहायता से जुड़ी किताब लेकर आए तो कस्तूरबा भी चौंकी।
जानिए गांधीजी के नर्स बनने की पूरी कहानी विष्णु शर्मा के साथ, इस वीडियो में—