नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मीटर हांफ रहे हैं. रविवार को वायु प्रदूषण ने सारा रिकॉर्ड दिए. प्रूदूषण के लिए बदनाम चीन की राजधानी बीजिंग में शुद्ध हवा की बोतलें बिकती हैं. वो दिल्ली से पीछे छूट गई. यहां हालात ऐसे ही रहे हैं कि हवा के लिए आगे चलकर पैसे चुकाने होंगे.
दिल्ली में धुंध और प्रदूषण का अंदाज़ बखूबी लगा सकते हैं. सुबह के वक्त दिल्ली में ना तो खुलकर सांस लेना मुमकिन है और ना ही ठीक से गाड़ी चलाना. हालांकि दिन निकलते ही धुंध में थोड़ी कमी ज़रूर आई लेकिन हालात में बहुत ज्यादा सुधार नहीं है. जानकार इसे हेल्थ इमरजेंसी बता रहे हैं.
प्रदूषण के आपातकाल के चलते दिल्ली में स्कूलों को तीन दिनों तक बंद करना पड़ा. अस्पतालों में खांसी, जुकाम और दमा मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. दुकानों पर मास्क की बिक्री बढ़ गई. घर-दफ्तर की हवा को शुद्ध करने के लिए लोग एयर प्यूरिफायर खरीदने लगे.
इस ज़हरीली हवा के चलते अस्पतालों में सांस के मरीज 25-30 फीसदी बढ़े हैं. जिसके चलते ऑक्सीजन गैस के सिलिंडरों की मांग भी करीब 20 फीसदी बढ़ी है.
दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का इमरजेंसी लगा है. हालात ये है कि जहां सीएम अरविंद केजरीवाल रहते हैं, वहां की हवा भी सांस लेने लायक तक नहीं बची. उनके घर के बाहर प्रदूषण मापने के मशीन हैं वो भी खराब हैं.
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