मायावती ने SP-BJP की रथयात्रा को बताया ड्रामेबाजी, कहा- लोगों को कार नहीं रोजगार चाहिए

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता उनके बहकावे में बिल्कुल ना आए

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मायावती ने SP-BJP की रथयात्रा को बताया ड्रामेबाजी, कहा- लोगों को कार नहीं रोजगार चाहिए

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  • November 7, 2016 11:48 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता उनके बहकावे में बिल्कुल ना आए, साथ ही जनता को बीजेपी से सावधान रहने को कहा.
 
 
‘BSP के शासन काल में प्रदेश में विकास हुआ’
मायावती ने बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’ को केवल ड्रामा बताया. बीएसपी के शासन काल के दौरान राज्य में विकास का काम हुआ. इसी शासन में नोएडा में मेट्रो की सौगात हमारी जनता को मिली, इसके अलावा नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेस वे पर भी काम हुआ.
 
 
SP पर साधा निशाना
मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रथ यात्रा को भी नौटंकीबाजी बताया. उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने प्रदेश में काम किया होता तो उन्हें इस तरह की खोखली रथयात्रा नहीं निकालनी पड़ती. प्रदेश की मासूम जनता को गाड़ी नहीं चाहिए, उन्हें रोजी-रोटी और काम चाहिए.
 
 
BJP पर साधा निशाना
बसपा प्रमुख ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता उनके बहकावे में बिल्कुल ना आए. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’ केवल और केवल ड्रामा है. बीएसपी के शासनकाल में राज्य में विकास का काम हुआ.
 
 
‘किसान विरोधी है मोदी सरकार’
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी ने किसान को धोखा दिया है. पीएम ने गन्ना का बकाया मूल्य का झूठा वादा किया, जिस तरह उन्होंने लोकसभा चुनाव किया. ये सरकार किसान विरोधी है. केंद्र की सरकार वह भूमि अधिग्रहण बिल लाने वाली थी लेकिन जिसे हम लोगों के विरोध की वजह से वापस लेना पड़ा. चुनाव की वजह से बीजेपी के नेता उत्तर प्रदेश में हवा हवाई भाषण दे रहे हैं.
 
 
चुनाव से पहले ही SP ने मान ली हार
कांग्रेस के साथ सपा के गठबंधन पर बसपा प्रमुख ने कहा कि अगर सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लेती है तो इसका सीधा मतलब होगा कि उसने चुनाव से पहले से ही हार मान ली है. अगर उन्होंने राज्य में गुंडागर्दी के अलावा कुछ काम किया होता तो रथ यात्रा जैसे सहारे की जरूरत नहीं पड़ती. ये लोग पहले से ही हार मान चुके हैं और हारे हुए लोगों को जनता स्वीकार नहीं करती.

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