नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आपके अपने और सबसे भरोसेमंद वेब पोर्टल inkhabar.com पर भोपाल एनकाउंटर के बारे में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए सभी पहलुओं की न्यायिक जांच करने की मांग की है.
दरअसल अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार भोपाल जेल कांड की जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया की जिस हद तक आतंकियों की मदद की गयी उसे देख कर लगता है कि किसी अंदर के व्यक्ति ने आतंकियों की भागने में मदद की होगी.
उन्होंने बताया कि जेल के अंदर 50 सीसीटीवी कैमरे लगे है. जिनमे से ज्यादातर घटना के दिन काम कर रहे थे. सिर्फ ब्लॉक ‘बी’ में लगे तीन कैमरे काम नहीं कर रहे थे. जांच में पता चला है कि ये कैमरे पिछले सात दिनों से काम नहीं कर रहे थे. इन कैमरों में पिछले सात दिनों का कोई भी डाटा नहीं मिला है.
दिग्विजय सिंह ने इन सभी पहलुओं पर न्यायिक जांच की मांग की है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी माना है कि जिस तरह के कारनामे को इन आतंकियों ने अंजाम दिया है उससे ये साफ है कि किसी जेल के किसी अंदर के आदमी ने उनकी मदद की होगी.
आतंकियों ने टूथब्रश से हर ताले की अलग-अलग चाभी बना ली थी. संभव है कि जेल के ही किसी व्यक्ति ने ब्रश को चाभी के रूप में ढलने के लिए उनके पास चाभियों का ढांचा पहुंचाया होगा. जांच अधिकारी ने ये भी बताया कि जहां इन आतंकियों ने रमाशंकर यादव की हत्या की थी वही पास में एक चाकू भी मिला है. ये सारे सबूत जेल प्रशासन की लापरवाही की पोल खोलते है.
जेल में चाकू मिलना, टूथब्रश से चाभी बनाना, आतंकियों के सेल का सीसीटीवी कैमरा बंद होना और जेल के सुरक्षाकर्मी रमाशंकर यादव की हत्या कर 30 फिट ऊंची दीवार कूद कर जेल से भाग जाना कई सवाल खड़े करता है, जिसकी न्यायिक जांच की मांग दिग्विजय सिंह न की है.