नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का छात्र नजीब अहमद को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. नजीब का पता लगाने की मांग को लेकर धरने पर बैठने गईं उनकी मां और परिजनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. जेएनयू के छात्रों ने इस मामले को लेकर इंडिया गेट के पास प्रदर्शन करने का ऐलान किया था लेकिन धारा 144 लागू होने पर उन्हें वहां जमा होने की इजाजत नहीं दी.
इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नजीब के मामले को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. केजरीवाल ने उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है.
दिल्ली सीएम ने आरोप लगाया है कि छात्र के लापता होने के मामले में आरोपियों के जेएनयू के विद्यार्थी परिषद से जुड़े होने की वजह से दिल्ली पुलिस दबाव पर दवाब बना हुआ है. उन्होंने कहा कि छात्र 23 दिनों से लापता है और दिल्ली पुलिस उसकी मां को इस तरह घसीटते हुए ले जाती है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने कुछ ऐसा ही पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिजनों के साथ भी किया था, उनके परिजनों को भी दिल्ली पुलिस बेवजह घसीटते हुए थाने तक लेकर गई. केजरीवाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इन परिवारों की आपको बहुत हाए लगेगी.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने नजीब की सूचना देने वाले को दो लाख रुपए पुरुस्कार राशि देने का ऐलान किया है. पुलिस ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट उपराज्यपाल नजीब जंग को भी सौंपी है. पुलिस के अनुसार उसने मणिपुर से लेकर राजस्थान तक अहमद की तलाश की है. पुलिस ने उसकी इन्टरनेट हिस्ट्री भी चेक की है. जिसके आधार पर पुलिस ने कई जगह उसकी तलाश करने की कोशिश की है.
उसकी तलाश में लगभग 20000 पोस्टर पूरी राजधानी भर में बांटे गए हैं. मामले की जांच के लिए बनायी गयी एसआईटी ने ये सारी जानकारी एक बैठक में उपराज्यपाल को दी है. इस बैठक में स्पेशल कमिश्नर पी. कामराज, ज्वाइंट कमिश्नर आर. पी. उपाध्याय और एसआईटी हेड मनीष चंद्र भी मौजूद थे. अधिकारियों ने एलजी को बताया कि नजीब की तलाश में अजमेर, कोटा, बरेली, रुड़की, फैज़ाबाद, आजमगढ़, बदायूं और अन्य शहरों में पुलिस टीम भेजी है. एसआईटी ने बताया की उसने लगभग 300 ऑटो-रिक्शा वालों से भी पूछताछ की है.