श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार ने घाटी में चार महिने से फैली हिंसा में गिरफ्तार किए युवकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा करने का फैसला किया है. सरकार के अनुसार जो प्रदर्शनकारी पहली बार पत्थरबाजी करने में गिरफ्तार किए गए उनके खिलाफ नरम रुख अपनाएगी.
स्थानीय आतंकियों को आत्मसमर्पण का मौका देने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को वादी में पिछले चार माह से जारी हिंसा और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों में लिप्त छात्रों के मामलों की समीक्षा करने का यकीन दिलाया. उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र या नौजवान पहली बार पत्थरबाजी या राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के आरोप में पकड़ा गया है तो उसे उसके अभिभावकों की जमानत पर छोड़ा जाएगा. उन्हें यकीन दिलाना होगा कि वह दोबारा ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होगा.
बैठक में डीजीपी के राजेंद्रा कुमार, डिवकाम बसीर अहमद खान सहित कश्मीर संभाग के सभी डीसी तथा जिला पुलिस प्रमुख भी उपस्थित रहे. बैठक में महबूबा ने कहा कि कश्मीर ने पिछले चार महीनों में काफी खराब स्थिति का सामना किया है. अब जब हालात सामान्य हो रहे हैं तो हमें रोडमैप तैयार रखना चाहिए ताकि लोगों को इस मुसीबत से निकाला जा सके.
बैठक के दौरान मुफ्ती ने कहा कि हमलोग उन मामलों की समीक्षा करेंगे जिनमें छात्र और पहली बार ऐसा करने वाले शामिल होंगे. हमलोग उनके माता-पिता से बात करेंगे और उनकी ओर से यह भरोसा लेंगे कि उनका बच्चा भविष्य में प्रदर्शन में भाग नहीं लेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों को गिरफ्तार करके नहीं रख सकते. स्थिति को संभालने के लिए एक अलग एवं सहानुभूति रखने वाली योजना चाहिए.