नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदुषण पर आज कहा है कि राज्य ‘गैस चैंबर’ में तब्दील होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में धुंध के बढ़ते हुए स्तर को घटाने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत है.
फसलों के अवशेष जलाने से बढ़ रहा है प्रदुषण
केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में प्रदुषण के बढ़ने का एक कारण किसानों का फसल के अवशेषों को जलाना भी है. उन्होंने कहा, ‘पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में खेतों की आग की वजह से प्रदुषण बढ़ रहा है.’
केजरीवाल ने कहा, ‘पड़ोसी राज्यों में फसलों के अवशेष जलाए जाने से भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. हमें किसानों को इन्सेंटिव देना होगा, जिससे वे फसलों के अवशेष जलाना बंद कर देंगे.’ केजरीवाल ने यह बात पर्यावरण मंत्री अनिल देव के साथ की गई एक मीटिंग के बाद कही है.
बता दें कि दिल्ली में दिवाली के बाद से प्रदुषण काफी बढ़ गया है. इस मुद्दे पर एनजीटी ने भी वायू प्रदूषण पर कड़ा रुख अपनाते हुए चार राज्यों के पर्यायवरण सचिवों को तलब किया है. एनजीटी ने दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के सचिवों को बुलाया है. साथ ही आठ नवंबर तक पर्यायवरण सचिवों से फसल जलाने और प्रदूषण को रोकने की रिपोर्ट NGT में जमा करने का आदेश सुनाया है.
दिवाली पर 42 गुणा बढ़ा प्रदूषण
केंद्र सरकार की प्रदूषण पर नज़र रखने वाली संस्था सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च के मुताबिक दीवाली पर आतिशबाजी के बाद खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर 507 तक पहुंच गया. वहीं पीएम 10 का स्तर 511 तक था.
पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 400 से ऊपर चला जाता है तो ये इंसानी फेफड़ों के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. पीएम के जरिए हवा में मौजूद धूल और धुएं का स्तर मापा जाता है. दिल्ली के पॉश इलाके लोधी रोड में भी सोमवार सुबह इसका खतरनाक स्तर रिकॉर्ड किया गया.
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 42 गुना तक बढ़ गया है. फिलहाल शहर में इतना धुंआ है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर इंसानों के रहने के लिए सबसे खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. देश के दस बड़े प्रदूषित इलाकों में से आठ दिल्ली और एनसीआर के हैं