नई दिल्ली. पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन पर तमाम विवाद के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि दो महीने के अंदर इसका भुगतान शुरु कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी कमेटी की रिपोर्ट पर विचार कर रही है.
पर्रिकर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘ओआरओपी की मांग 43 साल पुरानी है जिसे मोदी सरकार ने हरी झंडी दी है. प्रत्येक साल 75000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, साथ ही बकाए 11000 रुपए का भी भुगतान किया जाएगा. ओआरओपी के लिए पूर्व सैनिकों को हो रही परेशानी का समाधान 2 महीने के अंदर किया जाएगा. यदि पुराने दस्तावेज ने भी मिलें तो औपचारिक दस्तावेज तैयार करके ओआरओपी का लाभ सैनिकों को दिया जाएगा.’
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि जेटली ने कहा कि यूपीए ने सत्ता में रहते हुए OROP के लिए 10 सालों में एक भी रुपया खर्च नहीं किया और अब राजनीति कर रही है. साल 2004 से 2014 तक 10 साल तक यूपीए की सरकार सत्ता में रही थी. तब भी OROP को लेकर मांगें उठ रही थी.
पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के खुदकुशी के बाद से ओआरओपी का मामला काफी गरमा गया है. विपक्ष लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोल रही है. वहीं रामकिशन के सुसाइड के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर ओआरओपी लागू हो गया है तो सैनिक ने खुदकुशी क्यों की. सरकार ने झूठ बोला है, सैनकों से माफी मांगी जानी चाहिए.
1 लाख सैनिकों को दस्तावेज नष्ट
बता दें कि ओआरओपी का लाभ पाने के लिए 15 साल का कार्यकाल जरूरी होता है. इसके सबूत के तौर पर दस्तावेज जरूरी होते हैं, जबकि 1 लाख सैनिकों के दस्तावेज खराब हो चुके हैं. ऐसे में मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि अगर सर्विस कागजात न भी मिलें तो हलफनामा तैयार करवा कर उसका रास्ता निकाला जाएगा.