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फिल्म रिव्यू: हनुमान Vs महिरावण – यशराज की फिल्म में मकरध्वज मिसिंग, महिरावण इन

Hanuman vs Mahiravana Review: ‘हनुमान Vs महिरावण’ इस शुक्रवार को थ्रीडी और टूडी फॉरमेट में रिलीज होगी. यशराज फिल्म्स से इसका कनेक्शन ये है कि यशराज ही इस फिल्म को देशभर में डिस्ट्रीब्यूट कर रही है. इस फिल्म में अहिरावण की जगह महिरावण है. वहीं फिल्म की कहानी से हनुमान का बेटा मकरध्वज शुरू से ही गायब है.

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Hanuman Vs Mahiravana Movie Review
  • July 5, 2018 7:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

बॉलीवुड डेस्क, मुंबई: Hanuman vs Mahiravana Review छोटा भीम का कार्टून एनीमेशन बनाने वाली एनीमेशन कंपनी ग्रीन गोल्ड एनीमेशन ने बच्चों के लिए एक फिल्म बनाई है, ‘हनुमान Vs महिरावण’ जो इस शुक्रवार को थ्रीडी और टूडी फॉरमेट में रिलीज होगी. यशराज फिल्म्स से इसका कनेक्शन ये है कि यशराज ही इस फिल्म को देशभर में डिस्ट्रीब्यूट कर रही है. इस फिल्म को देखकर खासकर उत्तर भारत के बच्चे इस बात से चौंक सकते हैं कि उन्होंने हमेशा अहिरावण सुना था, जबकि इस फिल्म में महिरावण है. हालांकि जानकार लोग इस बात से भी चौंक सकते हैं कि इस कहानी में हनुमान का बेटा मकरध्वज शुरू से ही गायब है, जो इस कहानी का सबसे दिलचस्प पात्र था.

कहानी रामायण से जुड़ी है, तो सारे किरदार भी वही हैं. राम-लक्ष्मण, रावण, सुग्रीव, विभीषण, सीता और हनुमान हैं. कहानी उस एपिसोड पर फोकस करती है, जो अहिरावण से जुड़ा था, यानी राम-लक्ष्मण का उनके सैनिक कैम्प से अपहरण और उनकी बलि देने की तैयारी, बाद में पाताल लोक जाकर हनुमान का अहिरावण को मारना और उन्हें मुक्त कराकर वापस लाना. लेकिन इस फिल्म में इसे बड़े सस्पेंस के साथ पेश किया गया कि केवल एक रात बची है, अगले दिन राम को रावण बध करना है और उसी रात रावण का भाई महिरावण दोनों को सोते समय उठाकर पाताल लोक ले जाता है.

दरअसल फिल्म के लेखक नारायणन वैद्यनाथन और निर्देशक एझिल वेंडल दोनों ही साउथ के हैं, और साउथ में अहिरावण की जगह महिरावण प्रचलन में हैं. हालांकि कई कहानियों में अहिरावण और महिरावण दोनों का ही अस्तित्व बताया गया है, लेकिन नॉर्थ इंडिया में रामलीलाओं में पाताल लोक में अहिरावण ही दिखाया जाता रहा है. 1940 और 1964 में तेलुगू में महिरावण के नाम से दो फिल्में भी बन चुकी हैं. लेकिन लोग तब चौंके जब इस एनीमेशन फिल्म में अहिरावण की सेवा में तैनात रक्षक और हनुमान पुत्र मकरध्वज को दिखाया ही नहीं गया, जबकि रामलीलाओं में इस किरदार के बिना अहिरावण वाली लीला पूरा ही नहीं होती.

फिल्म बच्चों के लिए बनी है, ऐसे में उन्हें इस फिल्म के सैट्स देखने में खास आनंद आएगा, फिल्म में सबसे जबरदस्त है पाताल लोक के सैट्स, उसके खतरनाक रास्ते के डरावने सैट्स और महिरावण का खूंखार किरदार. कहानी में बाकी कोई बदलाव नहीं है, महिरावण मायावी रुप धरकर विभीषण के वेश में राम-लक्ष्मण को उठाकर पाताल लोक ले जाता है और वहां एक पूजा के बाद उनकी बलि की तैयारी करता है और हनुमान वहां पहुंचकर उसके इरादों पर पलीता लगा देते हैं. हालांकि पांच दीपकों को एक साथ बुझाकर महिरावण को मारने की कथा आम रामलीलाओं में नहीं दिखाई जाती, लेकिन क्लाइमेक्स में ऐसा करके डायरेक्टर सस्पेंस बढ़ा देता है.

फिल्म में एनीमेशन अच्छा है और थ्रीडी में और भी मजा आता है, दो या तीन गाने भी हैं. बच्चों को बड़े परदे पर दिखाने लायक है, ये अलग बात है कि वो इससे भी अच्छे एनीमेशंस आजकल टीवी पर देखते रहते हैं. लेकिन फिर भी 90 मिनट की इस मूवी को बच्चों को दिखाना उनके लिए रोमांचक हो सकता है. ये अलग बात है कि कहानी पहले से ही सभी को पता है, लेकिन कहानी को नए ढंग से पेश करने के लिए काफी मेहनत की गई है, ये आपको पड़े परदे पर ही दिखेगी.

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