पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने पर हिरासत में ले लिया जाता है, ये अघोषित आपातकाल है: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने थाने से रिहा होने के बाद केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने पर हिरासत में ले लिया जाता है, यह तो अघोषित आपातकाल है.

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पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने पर हिरासत में ले लिया जाता है, ये अघोषित आपातकाल है: मनीष सिसोदिया

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  • November 2, 2016 5:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने थाने से रिहा होने के बाद केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने पर हिरासत में ले लिया जाता है, यह तो अघोषित आपातकाल है. 
 
वन रैंक वन पेंशन (OROP) को लेकर पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के खुदकुशी करने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सैनिक के परिवार वालों से मिलने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद उन्हें संसद मार्ग थाने में रखा गया था. 
 
 
थाने से रिहा होने पर उन्होंने कहा, ‘हो क्या रहा है ? पूर्व सैनिक के परिवार से मिल रहा हूं और आप मुझे हिरासत में  ले रहे हैं. यह अघोषित आपातकाल है.’ सिसोदिया ने कहा कि सैनिक के बेटे को गिरफ्तार करना गलत है.
 
उन्होंने कहा, ‘इससे बुरा क्या हो सकता है कि एक पूर्व सैनिक के बेटे को केवल इसलिए गिरफ्तार कर लिया जाए कि उसने एक राजनीतिक पार्टी से मदद मांगी.’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘पुलिस के मुताबिक आत्महत्या करने वाले सैनिक के परिवार को बंधक बनाने की वजह थी कि उन्होंने राजनीतिक दलों से संपर्क किया था.’
 
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी कांग्रेस और आप नेताओं को छोड़ दिया है, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब भी आर के पुरम थाने में हिरासत में रखा गया है. 
 
इससे पहले राहुल गांधी ने भी रिहा होने के बाद मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर देश में OROP लागू हुआ है तो सैनिक ने खुदकुशी क्यों की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को देश के लोगों और सैनिकों का सम्मान करना चाहिए.
 
कौन हैं रामकिशन ?
आत्महत्या करने वाले सैनिक रामकिशन ग्रेवाल हरियाणा में भिवानी के रहने वाले हैं. वह अपने कुछ साथियों के साथ जंतर-मंतर पर वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर धरना दे रहे थे. मंगलवार को वह रक्षा मंत्री से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौपने वाले थे लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया था. उनके शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है.   

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