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नहीं सुलझा सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल का पावर वॉर, मनीष सिसोदिया बोले- सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मान रहे अफसर

दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल के बीच पावर को लेकर विवाद को सुलझाते हुए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को फैसला सुनाया था कि कि दिल्ली में पुलिस पब्लिक ऑर्डर और जमीन के छोड़कर बाकी सारे कानून बनाने के लिए दिल्ली सरकार स्वतं त्र होगी लेकिन सर्विस विभाग को लेकर अब भी कंफ्यूजन बना हुआ है. अधिकारिय़ों ने एमएचए के नोटिफिकेशन के बिना सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया है.

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manish sisodia on supreme court verdict
  • July 5, 2018 12:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली.  दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल के बीच पावर वार अभी थमता नहीं दिख रहा. इसको लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह कानून और संवैधानिक बेंच की बात मानने से मना किया जाएगा तो देश में अफरा तफरी मच जाएगी.

 सिसोदिया ने कहा कि हो सकता है कि एलजी को आदेश पसंद न आया हो लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता, अदालत का फैसला सर्वोपरि है, सबको मानना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इससे पहले जब अदालत का फैसला दिल्ली की सरकार के विपक्ष में आया था तब हमने भी उसे माना था. सिसोदिया ने कहा कि कोर्ट की बात न मानकर अधिकारी कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमारे केंद्र और सबसे अपील है कि सुप्रीम कोर्ट ने कॉपरेशन की उम्मीद की है तो कॉपरेशन से ही काम करें वरना सरकार कैसे चलेगी. तरीके से काम हो इसके लिए हम वकीलों से भी बात कर रहे है.

बता दें कि दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी अनिल बैजल के बीच चल रहे विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए साफ किया था कि दिल्ली के बॉस अरविंद केजरीवाल हैं क्योंकि जनता ने उन्हें चुना है. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में पुलिस पब्लिक ऑर्डर और जमीन के छोड़कर दिल्ली सरकार किसी भी तरह का कानून बनाने के लिए स्वतंत्र है. इसके लिए उसे एलजी की इजाजत या राय लेना जरूरी नहीं है.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले कोर्ट ने सर्विस डिपार्टमेंट का पावर एलजी को दिया हुआ था लेकिन इस बार कोर्ट के इसपर कुछ न बोलने से एक कनफ्यूजन बना हुआ है. दरअसल अफसरों का कहना है कि उनके पास एमएचए से कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है तो वह कोर्ट की बात नहीं मान सकते . यहां तक कि चीफ सेक्रेटरी ने इस फैसले को न मानने की बात लिखित में भी दे दी है.

https://www.facebook.com/ManishSisodiaAAP/videos/2275459329147818/

अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सर्विस विभाग के अगस्त 2016 के नोटिफिकेशन को रद्द किए जाने की कोई जानकारी नहीं है तो हम कोर्ट का ये नया आदेश नहीं मान सकते. जबकि कोर्ट के फैसले के बाद मनीष सिसोदिया ने एक आदेश जारी करके कर्मचारियों और अधिकारियों के ट्रांस्फर या फिर पोस्टिंग के लिए फैसले लेने का अधिकार मंत्रियों को दे दिया था. लेकिन अधिकारी 2016 के नोटिफिकेशन पर ही काम करने की बात कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सर्विस विभाग ने अरविंद केजरीवाल सरकार का आदेश मानने से किया इनकार

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