बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया अपने काम में लग गए. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने पहले ऑर्डर में अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए मंत्रियों की शक्तियों को बहाल किया. लेकिन मनीष सिसोदिया के इस आदेश को सर्विस विभाग ने मानने से इंकार कर दिया.
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है. फैसले के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के द्वारा जारी आदेश को मानने से दिल्ली सर्विसेज डिपार्टमेंट ने इनकार कर दिया है. विभाग ने सर्विसेज विभाग के अगस्त 2016 के नोटिफिकेशन की दुहाई देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में इस नोटिफिकेशन को रद्द करने की उन्हें जानकारी नहीं है. जिसके कारण वो अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में केजरीवाल सरकार का आदेश नहीं मान सकते हैं.
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार की ओर से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक आदेश जारी करके अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए फैसले लेने का अधिकार मंत्रियों को दे दिया हैं. जिसे मानने से सर्विस डिपार्टमेंट ने इनकार कर दिया है. सूत्रों के अनुसार विभाग ने कहा है कि वो अगस्त 2016 के नोटिफिकेशन के आधार पर ही काम करता रहेगा.
बुधवार को सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उस पर कैबिनेट मीटिंग हुई. कानून मंत्री मिनिस्टर ने फैसले को सामने रखा. सरकार ने निर्देश दिए हैं कि उसी हिसाब से सभी काम होंगे. अधिकारियों को कैबिनेट ने दिशा निर्देश दिए हैं. सीएस से कहा गया है कि राशन डोर स्टेप और सीसीटीवी पर जल्द कार्यवाही शुरू की जाए.
सिसोदिया ने बताया कि आईएस दानिक्स के ट्रांसफर सीएम के अप्रूवल से होंगे, ग्रेड 2 डिप्टी सीएम, ग्रेड 3 और 4 के लिए सर्विस डिपार्टमेंट मंत्री की मंजूरी ली जाएगी. यानि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री IAS/ DANICS, उप मुख्यमंत्री- ग्रेड 1/2 DASS, प्राइवेट सेक्रेटरी मंत्री (सर्विसेज)- ग्रेड 3/4 DASS व ग्रेड 2/3 स्टेनो, शेष विभागों के संबंधित मंत्री बाकी सभी कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के फैसले ले सकेंगे.