नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट के स्वर्ण जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायपालिका के बोझ को कम करने और तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया. उन्होंने न्यायपालिका में सभी की भागीदारी की बात कही.
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में हंसते हुए कहा, ‘मुझे कभी कोर्ट में जाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है. वहां काफी गंभीर माहौल रहता है. यहां भी वही देखने को मिल रहा है. 50 साल मना रहे हो, थोड़ा तो मुस्कुराइए.’
उन्होंने कहा कि इसमें हर किसी का योगदान है. 50 साल में सबकी भागीदारी है. हर किसी ने अपने-अपने तरीके से वैल्यू एडिशन किया होगा. यही सकारात्मक संस्थान की अहमियत को बढ़ाता है. मुझे विश्वास है भारत के संविधान के प्रकाश में देश के लोगों की आकांक्षा को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए.
सरदार पटेल का भी किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि आज सरदार पटेल की जयंती भी है. एक वकील के नाते वह उत्तम जिंदगी गुजार सकते थे लेकिन वह देश की खातिर निकल पड़े. उनका एक अहम योगदान है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि लोकतंत्र में चर्चा और बहस होती रहनी चाहिए. चुनौती से भागना नहीं, बल्कि उससे जूझना हमारा स्वभाव होना चाहिए. हमें मिलकर रोड मैप बनाना होगा. रास्ते खोजे जा सकते हैं. अदालतों में जो लोग बैठे हैं उनके ही प्रयासों से अतिरिक्त मैकेनिजम मिला है. सामान्य लोगों को ज्यादा शिक्षित करना होगा. न्यायपालिका के समक्ष सबसे बड़ी याची सरकार होती है.