म्यांमार में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता तो सभी के सामने हैं पर क्या आप इस ऑपरेशन के पीछे की कहानी भी जानते हैं. आइये आपको चंदेल हमले के बाद से इस स्ट्राइक तक की पूरी कहानी बताते हैं.
नई दिल्ली. म्यांमार में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता तो सभी के सामने हैं पर क्या आप इस ऑपरेशन के पीछे की कहानी भी जानते हैं. आइये आपको चंदेल हमले के बाद से इस स्ट्राइक तक की पूरी कहानी बताते हैं.
1. सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला 4 जून को मणिपुर के चंदेल में हुए हमले के करीब एक घंटे के बाद ही ले लिया गया था. टॉप सिक्योरिटी ऑफिशियल्स की एक मीटिंग में इस पर निर्णय ले लिया गया था. आपको बता दें कि इस हमले में 18 भारतीय जवान मारे गए थे.
2. इस मीटिंग की अध्यक्षता खुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी. मीटिंग में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग और कई बड़े अफसर मौजूद थे. पहले इस बात पर सहमति बनी थी कि चंदेल हमले के अगले दिन ही इस स्ट्राइक को अंजाम दिया जाए.
3. आर्मी चीफ दलबीर सिंह ने इस तरह के ऑपरेशन को इतनी जल्दबाजी में अंजाम देने पर ऐतराज जताया और पूरी तैयारी के साथ इसे करने की सलाह दी. आमतौर पर ‘हॉट परस्युट’ जैसी कार्रवाई को 72 घंटे के भीतर ही अंजाम दिया जाता है लेकिन आर्मी चीफ सुहाग की सलाह पर ये तय किया गया कि जल्द से जल्द इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा.
4. जनरल सुहाग की सलाह के बाद उच्चाधिकारियों की तरफ से स्ट्राइक के लिए सोमवार का दिन निश्चित किया गया और इसकी तैयारियों की सारी जिम्मेदारी आर्मी चीफ को ही सौंपी गई.
5. मीटिंग के बाद लिए गए निर्णयों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी गई. मीटिंग में हवाई हमले के लिए सुखोई और मिग-29 और ज़मीनी हमले के लिए स्पेशल फोर्सेज की मदद लेने का निर्णय भी लिया गया था. बाद में हवाई हमले से होने वाले नुकसान को देखते हुए इस प्लान को टाल दिया गया.
6. पूरा प्लान तैयार होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को ब्रीफ करना ज़रूरी था लेकिन उनके बांग्लादेश दौरे पर होने के चलते सोमवार की जगह स्ट्राइक को मंगलवार सुबह के लिए स्थगित कर दिया गया. रविवार शाम को बांग्लादेश से वापस आने के बाद पीएम मोदी को पूरे अटैक प्लान के बारे में जानकारी दी गई. पीएम मोदी से क्लीयरेंस मिलने के बाद आर्मी स्ट्राइक के लिए पूरी तरह तैयार हो गयी.
7. मंगलवार सुबह करीब 3 बजे स्पेशल फोर्सेज के कमांडों को म्यांमार में उग्रवादियों के कैंप के पास हेलीकॉप्टर की मदद से उतारा गया. इसके बाद आर्मी ने एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया जिसमें अभी तक 100 से ज्यादा उग्रवादियों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है.