लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू से अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अखिलेश सरकार पर आरोप है कि वह परिवार का झगड़ा सुलझाने में उलझी हुई है आम जनता की ओर कोई देखने वाला नहीं है.
हाईकोर्ट ने भी इस मामले में यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग पर कोई असर नहीं पड़ा है. डेंगू के मामले में गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले स्वास्थ्य विभाग ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए हाईकोर्ट में भी झूठ बोलने से भी बाज नहीं आए.
हाईकोर्ट की फटकार के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से कुल 67 मौतों का रिकॉर्ड इकट्ठा किया लेकिन कोर्ट में बताई सिर्फ नौ मौतें. सीएमओ के पास कुल 31 मौतों का रिकॉर्ड है लेकिन उन मौतों को डेंगू मानने को तैयार नहीं है क्योंकि इन मरीजों की जांच ही नहीं हुई थी.
संक्रमित इलाकों की कोई जांच नहीं
राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों गंदगी बहुत ज्यादा है. ठहरे पानी के निकलने की कोई व्यवस्था भी नहीं है. वहां के अधिकारियों के पास इतना वक्त भी नहीं है कि एंटी-लार्वा का छिड़काव करा सकें और डेंगू से ग्रसित इलाकों में जांच करा सकें. यहां तक ऊपर की शासन को वो ये रिपोर्ट दे रहे हैं सबकुछ ठीक चल रहा है.
अवैध कॉलोनियों का भी कोई अता-पता नहीं
इतना ही नहीं आवास विभाग भी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा. डेंगू की समस्या ज्यादातर अवैध कॉलोनी में हो रही है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से इनके लिए भी कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है. यहां तक इन अधिकारियों को ये भी नहीं पता इस साल कितनी अवैध कॉलोनियां हैं.