भारत- पाकिस्तान की सीमा पर हर साल लगने वाले चमलियाल मेले को इस साल कैंसिल कर दिया गया है. दरअसल ये मेला 28 जून को सीमा के दोनों तरफ लगना था लेकिन 13 जून को पाकिस्तान की ओर से सीजफायर में चार जवानों के शहीद होने के बाद से भारत की ओर से ये फैसला लिया गया है. दोनों देशों के श्रद्धालुओं को पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान की सीमा पर हर साल होने वाले चमलियाल मेले को जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों के कारण इस साल स्थगित कर दिया है. बता दें कि आजादी के बाद ऐसा 70 सालों में पहली बार होगा जब सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में ये मेला नहीं लगाया जाएगा. ये मेला 28 जून को लगना था लेकिन पिछले 13 जून को जीरो लाइन पर चमलियाल क्षेत्र में ही पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा गोलीबारी की गई जिसमें बीएसएफ के चार जवान शहीद गए थे. इसमें तीन अधिकारी भी शामिल थे.
गौरतलब है कि हर सीमा के दोनों तरफ बाबा चमलियाल की मजार पर ये मेला लगता है. सात दिनों तक चलने वाले इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालू जुटते हैं. सीमा पर इस मेले के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स हर साल दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर देते हैं तो बीएसएफ की तरफ से प्रसाद के रूप में उन्हें शक्कर (मिट्टी) व शरबत (पानी) दिया जाता है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा. पाकिस्तान की सीज फायर की इस हरकत के चलते श्रद्धालुओं को य़े भुगतना पड़ रहा है.
दरगाह प्रबंधन के साथ पंचायत दग-छन्नी के लोगों ने भी प्रशासन द्वारा मेला न कराए जाने के फैसले का समर्थन किया है. हालांकि इससे दोनों ही देशों को लाखों श्रद्धालुओं को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सीमा के हालातों के मद्देनजर गुरुवार को जिला आयुक्त सांबा आरएस तारा की अध्यक्षता में मीटिंग हुई. इसी बैठक में इस साल मेला न कराने का फैसला लिया गया.
इसके अलावा एसएसपी सांबा अनिल मंगोत्रा ने कहा है कि सीमा पर जो कुछ भी हाल में हुआ इसका मेले पर बुरा असर पड़ने के पूरे आसार थे. हमें मेला स्थगित होने का खेद है. प्रशासन के इस फैसले को श्रद्धालु अपनी आस्था के विरूद्ध बिल्कुल भी न समझें.
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