International Yoga Day 2018: आज विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 मनाया जा रहा है. भारत में इस मौके पर तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत के लिए इतना खास क्यों है और योग दिवस के पीछे का इतिहास और 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है. जानिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस महत्व, तारीख, इतिहास और इसके लाभ.
नई दिल्ली. International Yoga Day 2018: आज विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 की शुरुआत 21 जून 2014 से हुई. इसकी शुरुआत के पीछे भारत का ही हाथ रहा है. भारत की संस्कृति व इतिहास में योग के प्रमाण मिलते हैं. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर 2014 सयुंक्त राष्ट्र संघ में योग के फायदों और महत्व को बताया जिसके बाद 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली.
माना जाता है कि भारत में योग 5000 साल पुरानी पद्धति है जिसके द्वारा मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहा जाता था. इसके लाभों से आजतक कोई वाकिफ है. यूएन में भारत के इस प्रस्ताव को सिर्फ तीन महीनों के अंदर लागू कर दिया गया था. योग के महत्व को देखते हुए विश्व के अधिकत्तर लोगों ने इस स्वीकार किया और बिना किसी मतभेद के इसे माना. योग दिवस नरेंद्र मोदी के आह्वान पर मनाया जाता है इसीलिए प्रधानमंत्री इस आयोजन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.
21 जून को इस वजह से मनाया है योग दिवस
21 जून को योग दिवस के रूप में मनाने के पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी है. 21 जून ग्रीष्म काल का सबसे लंबा दिन होता जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं. भारतीय ज्योतिषी व परंपराओं की मानें तो ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने लिए यह दिन सबसे शुभ होता है.