नई दिल्ली. नौकरी देने वाली कंपनियों और नियोक्ता एजेंसियों का कहना है कि देश में नौकरियों की उतनी नहीं है जितनी की अच्छी प्रतिभाओं की कमी है. इस वजह से खाली पड़े पदों को भरने में दिक्कत आ रही है. मानव संसाधन सलाहकार फर्मों के मुताबिक देश में अच्छे टैलेंट की कमी है. जिसकी वजह से आईटी, […]
नई दिल्ली. नौकरी देने वाली कंपनियों और नियोक्ता एजेंसियों का कहना है कि देश में नौकरियों की उतनी नहीं है जितनी की अच्छी प्रतिभाओं की कमी है.
इस वजह से खाली पड़े पदों को भरने में दिक्कत आ रही है. मानव संसाधन सलाहकार फर्मों के मुताबिक देश में अच्छे टैलेंट की कमी है. जिसकी वजह से आईटी, फाइनेंस, अकाउंट के सेक्टर में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है.
उनका कहना है कि देश में इस समय में 46 फीसदी प्रतिभाओं का अभाव का है. जिसकी सबसे बड़ी वजह कौशल की कमी है. इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉ़लेजों से निकलने वाले प्रतिभागी इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से नहीं तैयार किए जा रहे हैं.
हाल यह है कि कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी देने के बाद ट्रेनिंग देने लगे हैं ताकि आज की बदलती तकनीकी और नौकरी के ढांचे में हो रहे बदलावों में उनको फिट बैठाया जा सके.
हालांकि नौकरी के लिए लोगों का न मिलना अधिक वेतन की चाहत भी बताया जा रहा है. वहीं अगर इस साल की बात करें तो आईटी, अकाउंट और फाइनेंस के सेक्टर में कई अवसर आने वाले हैं.
आईटी और फाइनेंस सेक्टर में पेशेवरों की डिमांड बढ़ती जा रही है. जिस तरह से ऑटोमेशन का दौर चल रहा है उसको संभालने के लिए आईटी प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी और बेहतर कंपटीशन के लिए इन नौकरियों का सालाना पैकेज भी बढ़ता जाएगा.
हालांकि अच्छे टैलेंट की कमी के मामले में भारत जापान से कहीं अच्छा है. जापान में तो 86 फीसद अच्छे पेशवरों की डिमांड है. वहीं एशिया में चीन की हालत सबसे अच्छी है. वहां पर सिर्फ 10 फीसद ही अच्छी पेशवरों की कमी है.