नई दिल्ली. विजयादशमी के दिन जहां एक ओर देश के सबसे बड़े दुशमन नवाज शरीफ, मास्टरमाइंड हाफिज सईद और कई अन्य आतंकवादी संगठनों के प्रमुखों को रावण बताकर इनके पुतले देश भर में फूंके गएं वहीं दूसरी ओर जेएनयू में NSUI के छात्रों ने इस दिन पीएम मोदी और अमित शाह और अन्य नेताओं को रावण बताकर पुतला फूंका.
रिपोर्ट्स के मुताबिक जेएनयू में एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने रावण रुपी दस सर वाले पुतले को जलाकर देश को फासीवाद की ओर धकेलते पीएम मोदी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है. साथ ही वहां पर मौजूद छात्रों ने ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के नारे भी लगाएं.
बता दें कि रावण के मुख्य सर के तौर पर पीएम मोदी का और अन्य सिरों पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, नाथूराम गोडसे, योग गुरु बाबा रामदेव, साध्वी प्रज्ञा, आसाराम बापू और अन्य नेताओं के चेहरे लगाए गए थे.
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के प्रेसिडेंटल कैंडिडेट रहे सन्नी धीमान का कहना है कि हमारा ये विरोध प्रदर्शन गौरक्षा के नाम पर YFDA को निशाना बनाने के खिलाफ है. यह प्रदर्शन गौ रक्षा के नाम पर मुस्लिमों और दलितों पर अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे यूथ फोरम फॉर डिस्कशंस एंड वेलफेयर एक्टिविटीज (YFDA) के सदस्यों को नोटिस जारी करने के जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ था.
उन्होंने आगे कहा कि YFDA को निशाना इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि इसमें अधिकतर छात्र मुस्लिम छात्र हैं. मुस्लिम छात्रों के साथ जेएनयू प्रशासन भेदभाव कर रही है.
आपको बात दें कि बीते 19 सितम्बर को गुजरात सरकार और गौरक्षकों का पुतला जलाने पर जेएनयू के चार छात्रों को नोटिस जेएनयू प्रशासन की तरफ से नोटिस भेजा गया था जिसमे YFDA से जुड़े छात्र अब्दुल मतीन भी शामिल थें.