हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री जिस लाल किले की प्राचीर से जनता को संबोधित करते हैं वो ढहने वाली थी. दरअसल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने लाल किले की सफाई में 25 लाख किलो मिट्टी निकाली है. अगर ये मिट्टी नहीं हटाई जाती तो लाल किले की ये प्राचीर ढह सकती थी.
नई दिल्ली. हर साल देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित करते हैं. लाल किले की इस प्राचीर को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है, जिसके अनुसार लापरवाही के कारण कुछ ही दिनों में लाल किले की ये प्राचीर ढहने वाली थी. जी हां ये हम नहीं कह रहे हैं ये बातें मीडिया रिपोर्ट्स से सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि लाल किले की छत और प्राचीर पर मिट्टी और धूल की 2 मीटर मोटी पर्त जमा हो गई थी. जिसका वजन करीब 25 लाख किलो है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) पिछले 5 महीने से लालकिले की सफाई में लगा हुआ है. एएसआई के अनुसार लालकिले की छत और प्राचीर पर इतनी धूल जमा थी कि अगर अभी भी इसे हटाया नहीं जाता, तो प्राचीर का ये हिस्सा भारी वजन के कारण ढह सकता था. बताया जा रहा है कि ये वहीं हिस्सा है जहां से हर साल पीएम देश की जनता को संबोधित करते हैं.
एएसआई के अनुसार धूल की यह परत करीब 100 साल से जमती आ रही थी, वो भी मुख्य गेट ‘लाहौरी गेट’ की छत पर. तबसे लेकर अब तक इसे हटाने के लिए जरूरी साफ-सफाई नहीं कराई गई. जिसके कारण धूल औरमिट्टी जमते-जमते इतना ज्यादा हो गया.
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