सो रहे हैं पापा, यह सोचकर तीन दिन तक लाश के साथ रहा बेटा, बदबू आने पर फैली सनसनी

दिल्ली में एक शख्स अपने पिता के शव के साथ तीन दिन तक ऐसे रहा जैसे उसके पिता जिंदा हो. वह उनके शव के साथ सोता, वहीं खाता-पिता. उसे लग रहा था कि उसके पिता गहरी नींद में सोए हुए हैं, ऐसे में उन्हें डिस्टर्ब करना ठीक नहीं. हालांकि घर की निचली मंजिल पर रहने वाले किराएदार को जब बदबू आई तो उसने पुलिस को इस मामले की सूचना दी.

Advertisement
सो रहे हैं पापा, यह सोचकर तीन दिन तक लाश के साथ रहा बेटा, बदबू आने पर फैली सनसनी

Aanchal Pandey

  • May 31, 2018 4:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. दिल्ली से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां एक शख्स अपने पिता के शव के साथ तीन दिनों तक ऐसे रहा जैसे उसके पिता जिंदा हो. युवक को लग रहा था कि उसके पिता सो रहे हैं, इसलिए उसने उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया. वह सामान्य तरह पिता की लाश के पास सोता रहा. हालांकि बगल में रहने वाले किराएदार को बदबू आने लगी तो उसने पुलिस को सूचना दी. जब पुलिस युवक के घर पहुंची तो मामला खुलकर सामने आ गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला आउटर दिल्ली के निहाल विहार थाना इलाके का है. मृ्तक की पहचान 65 वर्षीय सत्यपाल सिंह के रूप में हुई है. सत्यपाल सिंह अपने बेटे 34 वर्षीय कर्मजीत के साथ चंदन विहार इलाके में रहते थे. सत्यपाल के एक दूसरा बेटा भी था जिसकी काफी समय पहले मौत हो गई थी. वहीं उसकी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. सत्यपाल के साथ रहने वाले कर्मजीत की मानसिक हालत ठीक नहीं है. सत्यपाल सिंह घर की पहली मंजिल पर रहते थे, जबकि उनके ग्रांउड फ्लोर पर एक किरायदार रहता था.

गौरतलब है कि करीब तीन दिन पहले सत्यपाल की मौत हो गई थी. लेकिन कर्मजीत को लगा कि उसके पिता अभी सो रहे हैं. इसलिए उसने पिता को डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा. हालांकि तीसरे नीचे रहने वाले किराएदार को बदबू आने पर कुछ शक हुआ. उसने पुलिस को इस मामले की सूचना दी. पुलिस जब घर पहुंची तो देखा कि सत्यपाल का शव सोफे पर था. कर्मजीत ने पुलिस से कहा कि उसके पापा सो रहे, उन्हें जगाना मत. कर्मजीत ने बताया कि पापा जी दो-तीन दिन से सोफे पर ऐसे ही सो रहे हैं.

मानसिक रोगी कर्मजीत ने पुलिस से कहा कि उसने पिता को जगाने का प्रयास भी किया था. लेकिन जब वे नहीं जागे तो उसने उन्हें परेशान करना ठीक नहीं समझा. पुलिस के मुताबित, कर्मजीत अपने पिता के शव के साथ तीन दिन सामान्य तरीके से रहा. किराएदारों को भी सत्यपाल के मरने का कोई आभास नहीं हुआ. तेज बदबू आने पर उन्होंने पुलिस कॉल की तो मामला खुलकर सामने आया. पुलिस सत्यपाल की मौत को नेचुरल डेथ मान रही है. हालांकि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने पर मामला ज्यादा साफ होगा.

गाजियाबाद में चावल-दाल की तरह दुकानों पर बिक रहा पेट्रोल, मूक दर्शक बने पुलिस और प्रशासन

कठुआ गैंगरेप-मर्डर: पीड़िता की मां ने कहा- इंसाफ दो या हमें गोली मार दो

Tags

Advertisement