नई दिल्ली. सरकारी कर्मचारी अब सरकारी नीतियों की आलोचना नहीं कर सकेंगे. केंद्र सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जो सरकारी कर्मचारी सरकारी नीतियों की आलोचना करेंगे उन पर अनुशासनात्मक करवाई की जाएगी.
सरकार ने ये फैसला भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों और सेन्ट्रल एक्साइज कर्मियों के एसोसिएशन द्वारा दिए गए उस सुझाव के बाद किया है, जिसमे उन्होंने जीएसटीएन कंपनी के चयन पर सवाल उठाये थे. दरअसल जीएसटीएन एक निजी कंपनी है जिसे राजस्व सचिव के नेतृत्व में जीएसटी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी(आईटी) तंत्र तथा जीएसटी परिषद सचिवालय के गठन की ज़िम्मेदारी दी गयी है.
एसोसिएशन का कहना था कि जीएसटीएन को किसी भी आईटी तंत्र को स्थापित करने का अनुभव नहीं हैं. इसके साथ ही उसे परोक्ष कानूनों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. जीएसटीएन की 49% हिस्सेदारी केंद्र व राज्य सरकार के पास हैं. जबकि 51% हिस्सेदारी एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और एलआइसी हाउसिंग फायनेंस जैसी निजी कंपनियों के पास हैं.