सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के नवनियुक्त सीएम बीएस येदियुरप्पा को शनिवार को फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया. इस बीच कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को तेलंगाना के हैदराबाद में रखा हुआ है. जेडीएस के नेता ने बताया कि भाजपा से अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए हमने अपने 36 विधायकों को बस से हैदराबाद भेज दिया है.
बेंगलुरु. कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने अपने विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए निर्वाचित विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है. जेडीएस के प्रवक्ता रमेश बाबू ने यहां मीडिया को बताया, भाजपा से अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए हमने अपने 36 विधायकों को बस से हैदराबाद भेज दिया है.
बाबू ने हालांकि स्पष्ट करते हुए कहा कि जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एच.डी कुमारस्वामी बेंगलुरू लौट आए हैं. कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को भाजपा की पहुंच से दूर रखने के लिए अलग लक्जरी बस से हैदराबाद भेज दिया. पार्टी के नेता डी.के. शिवकुमार ने यहां पत्रकारों को बताया कि पार्टी की प्राथमिकता अपने विधायकों को सुरक्षित रखना है. शिवकुमार ने कहा, हमारी प्राथमिकता हमारे सभी विधायकों को सुरक्षित रखना और जोड़-तोड़ से बचाना है. उनके परिवार पर काफी दबाव है, इसलिए कुछ विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया है, जबकि कुछ बेंगलुरू में ही हैं.
कांग्रेस नेता ने हालांकि यह बताने से इनकार कर दिया कि पड़ोसी राज्य तेलंगाना के हैदराबाद में कितने विधायकों को भेजा गया है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 38 सीटें जीती हैं. कुमारस्वामी चन्नापट्टना और रामनगर दोनों सीटों से जीते हैं. पार्टी के पास सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोट सहित 37 वोट हैं. जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एक सीट के लिए वोट कर सकते हैं. बहुमत साबित करने के लिए जरूरी 112 सीटों से भाजपा चार सीट दूर है. चुनाव बाद गठबंधन बनाने वाले कांग्रेस और जेडीएस को भाजपा द्वारा बहुमत साबित करने के मकसद से अपने विधायकों को तोड़े जाने का भय है.
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- बीएस येदियुरप्पा को शनिवार को साबित करना होगा बहुमत