हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र की बड़ी मान्यता है. कई तरह के पूजन में इसका जप किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गायत्री मंत्र का सही प्रकार से जप करने से नि:संतान दंपतियों को संतान की प्रप्ति होती है.
नई दिल्ली. हिंदू धर्म के वेदों में गायत्री मंत्री को काफी अहमियत दी गई है. इसे सबसे श्रेष्ठ और कारगर माना जाता है. गायत्री मंत्र को लेकर लोगों का मानना है कि इसके जप से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं. यही वजह है कि वेदों में कहा गया है कि घर में गायत्री मंत्र का जप होना जरूरी है. इस जप को सूर्य के उगने से पहले शुरु किया जाना चाहिए. वहीं दूसरी बार इसे दोपहर को जबकी तीसरी बार इस जप को सूर्य अस्त होने के बाद किया जाना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि अगर किसी इंसान को व्यापार या नौकरी में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे में गायत्री मंत्र का जप बहुत कारगर साबित होता है.
अगर किसी शादीशुदा जोड़े को संतान का सुख प्राप्त नहीं हो रहा या औलाद पाने में परेशानी आ रही है या फिर अपनी ही संतान के जीवन की परेशानियों से दुखी हैं तो इसके लिए उस पति और पत्नी को एक साथ सफेद कपड़े पहन कर गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए. इससे सभी परेशानियों से निजात मिलेगी.
बताते चलें कि इस खास मंत्र में कुल 24 अक्षर होते हैं और इन्हें कुल 24 शक्तियों-सिद्धियों का प्रतीक माना जाता है इसीलिये ऋषियों का मानना है कि सभी प्रकार की दिक्कतों से बचने के लिए गायत्री मंत्र का जप सबसे बेहतरीन रास्ता है. स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि गायत्री मंत्र सदबुद्धि का मंत्र है. ऐसे में अगर आप कोई छात्र या छात्रा हैं और आपका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता तो इसके उपाय के लिए आपको 10 बार गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए. इससे आपका मन शांत होगा और आप एकाग्रचित होकर पढ़ाई कर सकेंगे. गायत्री मंत्र को मंत्रों का मुकुटमणि माना जाता है.
शादी से इनकार करने पर भड़का आशिक, 4 दिन तक बंधक बनाकर किया रेप