नई दिल्ली. अब सवाल उठता है की अगर कुंडली दोष हो तो आपको क्या उपाय करने चाहिए. तो आइए इसका जवाब भी जान लीजिए. कई बार लोगों की कुंडली में सूर्य दोष, चंद्र दोष, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र इत्यादि दोष होते हैं. सबसे पहले पता कीजिए कि कुंडली में कौन सा दोष है और फिर यहां दिए गए उपाय जान लीजिए.
- सूर्य के लिए उपाय– रविवार को नौ मोर पंख लेकर आएं और पंख के नीचे महरून रंग का धागा बांध लें. इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियां रखें, गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें. मंत्र- ऊँ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:. इसके बाद दो नारियल सूर्य भगवान को अर्पित करें.
- चंद्र के लिए उपाय– सोमवार को आठ मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बांध लें. इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ आठ सुपारियां भी रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें. मंत्र- ऊँ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:. पान के पांच पत्ते चंद्रमा को अर्पित करें. बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं.
- मंगल के लिए उपाय– मंगलवार को सात मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे लाल रंग का धागा बांध लेँ. इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ सात सुपारियां रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें. मंत्र- ऊँ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:. पीपल के दो पत्तों पर चावल रखकर मंगल को अर्पित करें. बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं.
- बुध के लिए उपाय– बुधवार को छ: मोर पंख लेकर आएं. पंख के नीचे हरे रंग का धागा बांध लें. एक थाली में पंखों के साथ छ: सुपारियां रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें. मंत्र- ऊँ बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा: . जामुन बुद्ध ग्रह को अर्पित करें. केले के पत्ते पर रखकर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ाएं.
- गुरु के लिए उपाय– गुरुवार को पांच मोर पंख लेकर आएं. पंख के नीचे पीले रंग का धागा बांध लें. एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियां रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें- मंत्र- ‘ऊँ ब्रहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.’ 11 केले बृहस्पति देवता को अर्पित करें. बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को चढ़ाएं.
- शुक्र के लिए उपाय– शुक्रवार को चार मोर पंख लेकर आएं. पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बांध लेँ. एक थाली में पंखों के साथ चार सुपारियां रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें- ‘मंत्र- ऊँ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:.’ तीन मीठे पान शुक्र देवता को अर्पित करें. गुड़-चने का प्रसाद बना कर चढ़ाएं.
- शनि की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए- शनिवार को तीन मोर पंख ले कर आएं. पंख के नीचे काले रंग का धागा बांध लें. एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियां रखें. गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें- ‘मंत्र-ऊँ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:’. तीन मिटटी के दीपक तेल सहित शनि देवता को अर्पित करें. गुलाब जामुन या प्रसाद बना कर चढ़ाएं. शनि के उपाय से राहु-केतु के दोष भी दूर हो सकते हैं.
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