देश में बच्चियों के साथ बढ़ते रेप के मामलों को देखते हुए मोदी सरकार ने रेप के पहले से मौजूद कानूनों को और सख्त बनाने का फैसला किया है. जिसके तहत आज कैबिनेट की बैठक में पॉक्सो एक्ट में संशोधन संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दी गई. इस अध्यादेश के कानून बन जाने पर रेप के मामलों में फांसी की सजा का प्रवाधान हो जाएगा. नया चाइल्ड रेप कानून
नई दिल्ली. बीजेपी की केंद्र सरकार ने देश में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप के बढ़ते मामलों को देखते पोक्सो एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. रेप के बढ़ते मामलों पर आयोजित कैबिनेट की बैठक में इन मामलों पर चिंता जताई गई. साथ ही बैठक में रेप के मामलों पर सजा को और कड़ा करने पर सहमति बनी. बैठक में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान करने पर सहमति बनी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 12 साल की कम उम्र की बच्ची के साथ रेप के मामले में कम से कम 20 साल की सजा या ताउम्र जेल या फिर फांसी की सजा दी जा सकती है. वहीं 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप और गैंगरेप के मामले में सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल करने या फिर पूरी उम्र जेल की सजा पर बैठक में सहमति बनी है. इसके अलावा 16 साल और उससे अधिक उम्र की लड़की या महिला से रेप मामले में न्यूनतम सजा को 7 साल से बढ़ाकर 10 करने पर सहमति बन गई है.
वहीं रेप के मामलों में बढ़ी बात ये है कि 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप या गैंगरेप मामले में अग्रिम जमानत के प्रावधान को खत्म किया गया है. साथ ही बैठक में फैसला लिया गया कि हाई कोर्ट और राज्यों से चर्चा के बाद रेप के मामलों की सुनवाई के लिए नई फास्ट ट्रैक अदालतें बनाई जाएंगी. इसके अलावा सभी थानों और अस्पतालों को रेप के मामलों के लिए स्पेशल फरेंसिक किट्स दिए जाएंगे.
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