उदयपुर. राजस्थान के वाइल्डलाइफ लवर्स को चियर करने के लिए उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क प्रशासन ने सेंट्रल जू अथॉरिटी के अप्रूवल के बाद चेन्नई से सफेद टाइगर लाया गया है. लेकिन बॉयोलॉजिकल पार्क के कर्मचारियों के लिए इस नर टाइगर की भाषा परेशानी का सबब बन गई है.
इस टाइगर को एक्सचेंज पॉलिसी के अरिंगनर अन्ना जूलॉजिकल पार्क से लाया गया है. इस नर टाइगर का नाम रामा है और इसकी उम्र मात्र पांच वर्ष हैं. दरअसल इस टाइगर की ट्रेनिंग तमिल भाषा में हुई है और इसे तमिल के आलावा और कोई भाषा समझ में नहीं आती है, जिससे पार्क स्टाफ को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
केयरटेकर सीखेगा नई भाषा या टाइगर
उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क के एक अधिकारी ने कहा, ‘यहा टाइगर को रहने के लिए या तो मेवाड़ी भाषा सीखना होगा या फिर यहां के केयरटेकर को तमिल सीखनी पड़ेगी.’ इस पार्क के इनचार्ज डीएफओ टी मोहनराज ने चेन्नई के अरिंगनर अन्ना जूलॉजिकल पार्क के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है. उन्होंने इस संबंध में चेन्नई जू के डायरेक्टर को एक चिट्ठी लिखकर टाइगर के साथ एक तमिल भाषी केयरटेकर भी भेजने के लिए कहा है, जिससे टाइगर की देखभाल में आसानी हो.
नर टाइगर के आने से पॉपुलेशन बढ़ाने में मिलेगी मदद
उदयपुर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम भी टाइगर के साथ एक तमिल भाषी केयरटेकर लाने के आइडिया पर विचार कर रही है. इस बीच उदयपुर के मुख्य वन सरंक्षक ने बताया कि सज्जनगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क में एक मादा टाइगर पहले से है, जिसका नाम दामिनी है. उसे भी पिछले साल एक्सचेंज पॉलिसी के तहत ही पूणे जू से लाया गया था. अब पार्क में नर टाइगर के आ जाने से पॉपुलेशन बढ़ाने में मदद करेगी. बतां दे कि उदयपुर में बहुत बड़ी संख्या में टाइगर लवर्स हैं. इस सफेद टाइगर के आने से लोगों का आकर्षण बढ़ेगा.