देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार को अब बंगला और बड़ी गाड़ी चाहिए

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राज्य सरकार से घर और गाड़ी की मांग को लेकर एक पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि उनके पास रहने के लिए कोई स्थायी घर नहीं है, लिहाजा उन्हें सरकारी आवास दिया जाए. उन्होंने विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने के लिए इनोवा या फिर स्कॉर्पियो कार की भी मांग की है.

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देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार को अब बंगला और बड़ी गाड़ी चाहिए

Aanchal Pandey

  • April 21, 2018 11:02 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

अगरतलाः त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राज्य सरकार से गाड़ी और बंगले की मांग की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अपनी मांग को लेकर पूर्व सीएम ने बीते 26 मार्च विधानसभा सचिव को एक पत्र लिखा. उन्होंने लिखा कि उनके पास रहने के लिए कोई स्थायी घर नहीं है, लिहाजा उन्हें कोई सरकारी आवास मुहैया कराया जाए. साथ ही विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने के लिए उन्हें बड़ी गाड़ी दी जाए.

माणिक सरकार ने पत्र में लिखा है कि अगरतला में मंत्री क्वार्टर लेन में शिशु बिहार हायर सेकेंडरी स्कूल के पास तीन नए सरकारी क्वार्टरों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से कोई एक उन्हें दिया जाए. साथ ही सरकार ने बड़ी गाड़ी की मांग करते हुए लिखा है कि उन्होंने राज्य सरकार की ओर से दी गई पुरानी गाड़ी लौटा दी है. उन्हें राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने के लिए इनोवा या फिर स्कॉर्पियो कार की मांग की है.

बताते चलें कि त्रिपुरा में बीजेपी सरकार के आने के बाद माणिक सरकार को एक एम्बेसडर कार दी गई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें पीठ दर्द के चलते इस गाड़ी में बैठने से मना किया है. इसके बाद राज्य सरकार द्वारा उन्हें बोलेरो गाड़ी दी गई लेकिन सरकार ने इसे भी वापस कर दिया. सरकार का कहना था कि यह एक पुरानी कार थी. बीजेपी नेता सरकार की इस मांग पर उन्हें निशाने पर ले रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता मृणाल कांती डे ने माणिक सरकार को झूठा बताते हुए कहा कि सरकार ने महज साधारण आदमी की छवि बनाई थी. जो बातें हमने पहले कही थी अब वो सच साबित हो रही है.

गौरतलब है कि माणिक सरकार अपनी पूरी तनख्वाह पार्टी फंड में देते थे. उनकी पत्नी पांचाली भट्टाचार्या एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद पार्टी को मिली हार पर सरकार ने उसी दिन अपना सरकारी आवास छोड़ दिया था और पार्टी मुख्यालय को ही अपना नया ठिकाना घोषित कर दिया था.

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