इस लेटर का होता है जादुई असर, गर्लफ्रेंड रुठी हो या इंक्रीमेंट हो रूका सारे प्रॉबल्म होंगे सॉल्व

आपके किसी वजह से टेंशन में हैं और अपनी बात सामने वाले को समझा नहीं पा रहें है तो इसका सबसे अच्छा जरिया भारत में रहने वाले 29 साल के युवा अंकित ने निकाला है, जिसे सुनकर आपको भी हैरानी होगी.

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इस लेटर का होता है जादुई असर, गर्लफ्रेंड रुठी हो या इंक्रीमेंट हो रूका सारे प्रॉबल्म होंगे सॉल्व

Admin

  • September 27, 2016 4:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आपके किसी वजह से टेंशन में हैं और अपनी बात सामने वाले को समझा नहीं पा रहें है तो इसका सबसे अच्छा जरिया 
भारत में रहने वाले 29 साल के युवा अंकित ने निकाला है, जिसे सुनकर आपको भी हैरानी होगी.
 
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अंकित को एक दिन ब्रिटेन से एक महिला का फोन आया. ये महिला पिछले तीन साल से एक ही संस्थान में काम कर रही थी और वेतन वृद्धि न होने से निराश हो चुकी थी. उन्होंने तय ‌किया कि संस्थान छोड़ देगी पर समझ नहीं पा रही थीं कि इस बात को वे कैसे अलग अंदाज में कहें.
 
शादी, प्रोफेशनल या लव लेटर भी लिखे जाते हैं
 
तब उन्होंने गूगल पर सर्च किया और पाया कि कोई ऐसा भी है जो उनके लिए हाथ से इस्तीफा लिखकर भेज सकता है. इस सिलसिले में ब्रिटिश महिला ने भारत में अपना स्टार्टअप चला रहे अनुभव अं‌क‌ित को फोन लगाया और अपने दिल की बात बताई. बस फिर क्या था, अंकित की ‘द इंडियन हैंडरिटेन लेटर कंपनी’ ने उनकी भावनाओं को स्याही से लिखकर कागज पर उतार दिया.
 
महिला ने हाथ से लिखा ये इस्तीफा अपने बॉस को भेज दिया. हाथ से लिखे इस भावनात्मक इस्तीफे का इतना असर हुआ कि महिला के बॉस ने तीन दिन बाद ही उनके डेस्क पर उस खत का जवाब रख दिया. जवाबी खत में महिला से अनुरोध किया गया कि वो कंपनी छोड़कर न जाएं और साथ ही साथ उन्हें 40 प्रतिशत का बड़ा इंक्रीमेंट भी दे दिया गया.
 
ऐसी ही कई अनोखी कहानियां दो युवाओं के द्वारा शुरु किए गए स्टार्टअप ‘द इंडियन हैंडरिटेन लेटर कंपनी’ के प्रति लोगों के रुझान को दर्शाती हैं. इस स्टार्टअप का मकसद इंटरनेट के इस जमाने में खत लिखने की पुरानी आदत को जिंदा रखना और इसे बढ़ावा देना है. ‘द इंडियन हैंडरिटेन लेटर कंपनी’ के संस्थापक सदस्यों में से एक अनुभव अंकित बताते हैं कि जब वो स्कूल में पढ़ते थे हर हफ्ते अपने दादाजी को खत लिखा करते थे, लेकिन स्कूल से निकलने के बाद वो सिलसिला खत्म हो गया.
 
अंकित का खत लिखना तो बंद हो गया लेकिन, मार्केटिंग के प्रोफेशन में आने के बाद भी लिखने को लेकर उनकी दीवानगी खत्म नहीं हुई. अंकित ने इस बारे में जब अपने साथी जसवंत चेरीपल्ली से बात की तो उन्हें भी ये आईडिया काफी रास आया. यहीं से इनके स्टार्टअप ‘द इंडियन हैंडरिटेन लेटर कंपनी’ की शुरुआत हुई.
 
अपने पहले असाइनमेंट के बारे में बताते हुए अंकित एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हैं. हुआ कुछ यूं कि पंजाब की एक महिला अपने पति को जन्मदिन अनोखे अंदाज में विश करना चाहती थी. वो गूगल सर्च कर रही थी तभी उन्हें इस कंपनी का पता चला और इस तरह ‘द इंडियन हैंडरिटेन लेटर कंपनी’ को अपना पहला कस्टमर मिल गया.
 
मार्च 2016 में शुरु हुई इस कंपनी से जुड़े लोग आमतौर पर दिनभर में पचास से साठ चिट्ठियों को अपने हाथों से लिखती है. फिलहाल इनकी टीम में सात से आठ लोग हैं जो हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, उड़िया, मराठी भाषाओं में चिट्ठियां लिखते हैं. बता दें कि खुद अंकित चार भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, उड़िया और मराठी) में चिट्ठी लिख लेते हैं.
 
अपने एक कस्टमर की परेशानी को कलमबद्घ करने की घटना के बारे ‌में अंकित बताते हैं कि एक युवक ने उनसे संपर्क किया. उसकी नाराज गर्लफ्रेंड ने उसे फोन से लेकर फेसबुक और व्हॉट्सऐप तक सब जगह ब्लॉक कर दिया था. गर्लफ्रेंड की नाराजगी से परेशान इस युवक ने ‘द इंडियन हैंडरिटेन लेटर कंपनी’ की मदद ली और एक हाथ से लिखा इमोशनल लेटर अपनी गर्लफ्रेंड को भिजवाया. उस खत का जादुई असर हुआ और लेटर देखकर नाराज गर्लफ्रेंड का दिल पसीज गया और दोनों का फिर से पैचअप हो गया.
 
अंकित बताते हैं कि अगर उनके पास बिजनेस लेटर लिखने का ऑर्डर होता है तो वो एक दिन में 150 से 200 खत भी लिख लेते हैं, हालांकि उनकी कीमत अलग होती है. बात सिर्फ पर्सनल लेटर तक ही सीमित नहीं है बल्कि इनकी कंपनी शादी के कार्ड, सीवी, कवर लेटर से लेकर कस्टमाइज लेटर भी हाथ से लिखकर भेजने का काम करती है.
 
खतों को लिखने के लिए ये प्रीमियम स्टेशनरी का उपयोग करते हैं जिससे लेटर को और भी प्रभावी व आकर्षक बनाया जा सके. भविष्य की अपनी योजना के बारे में बताते हुए अंकित कहते हैं वो स्टेशनरी के बिजनेस में भी उतरना चाहते हैं जिससे खासतौर की स्टेशनरी को बढ़ावा मिले और लोग हाथ से खत लिखने के लिए प्रेरित हों.
 
 

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