अपनी ही एक छात्रा के साथ प्रेम संबंध में पड़ने के बाद चर्चा में रहे पटना यूनिवर्सिटी के प्रफेसर मटुकनाथ चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अपनी पत्नी के साथ मामले को सुलझा लिया है. अब वे अपनी पत्नी को हर माह अपनी सैलेरी का एक तिहाई हिस्सा भत्ते के रूप में देंगे.
नई दिल्ली. अपनी ही स्टडेंट जूली के साथ प्रेम संबंध में पड़ने के बाद चर्चा में रहे पटना यूनिवर्सिटी के प्रफेसर ‘लव गुरु’ मटुकनाथ चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अपनी पत्नी के साथ मामले को सुलझा लिया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वे सारी जिंदगी अपने वेतन और पेंशन का एक-तिहाई हिस्सा पत्नी को देंगे. मटुकनाथ की पत्नी ने टीवी पत्रकारों की साथ उस घर में छापा मारा था जहां वह अपनी पूर्व स्टूडेंट के साथ लिव इन में रह रहे थे. उस समय मटुकनाथ अचानक चर्चा में आए थे. तब उनकी पत्नी ने उन्हें रेगे हाथो पकड़ लिया था. जिसके बाद उन्होंने सबके सामने जेएनयू से पासआउट स्टूडेंट जूली कुमारी के साथ अपने संबंध को कबूल किया था.
इस मामले के बाद मटुकनाथ के चेहरे पर उनके संबंधियों समेत कई लोगों ने कालिख पोती थी. यहां तक कि उनकी पत्नी ने उन्हें घर से तक निकाल दिया था. बता दें कि वकालत कर रही मटुकनाथ की पत्नी ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कर गुजारा भत्ता दिलाने की सिफारिश की थी. गौरतलब है कि मटुकनाथ और उनकी पत्नी का एक बेटा भी है जो फिलहाल स्वीडन में रहता है.
साल 2014 में एक निचली अदालत ने बीएन कॉलेज में हिंदी के प्रफेसर के रूप में कार्यरत मटुकनाथ चौधरी को पत्नी को 25 हजार रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था. इससे पहले साल 2007 में कोर्ट ने उन्हें 18.5 लाख रुपये बकाया राशि देने का आदेश भी दिया था.
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