बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं. चारा घोटाला मामले में लालू यादव जेल की सजा काट रहे हैं. उनकी बेटी मीसा भारती पर मनी लॉन्ड्रिंग के केस चल रहे हैं ऐसे में राजद के लिए मुश्किल भरी खबर आई है. चुनाव आयोग ने राजद से पूछा है कि उसका राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा क्यों ना छीना जाए. राजद ने बार- बार चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना की है.
नई दिल्ली. लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल पर मान्यता गंवाने की तलवार लटक रही है. चुनाव आयोग ने राजद को वित्तीय वर्ष 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट ना जमा किये जाने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में चुनाव आयोग ने पूछा है कि राजद द्वारा चुनाव आयोग के नियमों की अवहेलना करने पर पैरा 16A के तहत क्यों ना चुनाव चिन्ह वापस लेना चाहिए. चुनाव आयोग ने बताया है कि राजद आठ रिमाइंडर के बावजूद वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करा पाया.
चुनाव आयोग द्वारा राजद को यह नोटिस 13 अप्रैल को जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि कॉमन कॉज वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया एंड अदर्स (एआईआर- 1996 एससी 3081) केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग सभी पार्टियों को समय-समय पर वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जारी करने के निर्देश जारी करता है. यह रिपोर्ट प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर तक चुनाव आयोग में जमा करानी होती है.
नोटिस में कहा गया है कि आपकी पार्टी ने 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट 31 अक्टूबर 2015 की अंतिम तिथि तक जमा नहीं कराई. इसे जमा कराने के लिए 13 मार्च 2018 तक चुनाव आयोग द्वारा लगातार रिमाइंडर भेजे जाते रहे. इसके बावजूद भी आपकी पार्टी ने यह ऑडिट रिपोर्ट नहीं जमा कराई है. ऐसे में क्यों न राजद का राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया जाए. इस नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा है कि राजद द्वारा ऑडिट रिपोर्ट जमा न कराए जाने के पीछे भी कोई वाजिब कारण नहीं बताया है. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजद को बड़ा झटका लग सकता है.
MLC का टिकट मिलने पर बोले खुर्शीद मोहसिन- ‘मिला लालू जी के लिए 30 साल तक सब्जियां उगाने का फल’
सुरक्षा हटाए जाने पर बोलीं राबड़ी देवी- परिवार को जान का खतरा, नीतीश सरकार रच रही साजिश