दलितों को अपने पाले में लाने की कवायद के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 23 अप्रैल को अपनी पार्टी की देशव्यापी ‘संविधान बचाओ' मुहिम शुरू करेंगे जिसका मकसद संविधान एवं दलित समुदाय पर कथित हमलों की तरफ लोगों का ध्यान खींचना है.
नई दिल्ली. 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस अध्य़क्ष राहुल गांधी 23 अप्रैल से देश भर में संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस अभियान के तहत राहुल गांधी की नजर दलित वोटबैंक पर रहेगी. राहुल गांधी अगले सप्ताह 23 अप्रैल से दलित वोटबैंक को कांग्रेस के साथ जोड़ने के लक्ष्य को लेकर शुरू इस अभियान के दौरान संविधान और दलित समुदाय पर कथित हमलों को मुद्दा बनाया जाएगा.
इस अभियान में कांग्रेस के मौजूदा और पूर्व दलित सांसद-विधायक, जिला परिषदों, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. दरअसल, एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से पूरे देश में दलितों को गुस्सा फूट रहा है. तमाम दलित संगठन सीधे तौर पर मोदी सरकार को घेर कर रहे हैं. कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के आयोजक नितिन राउत ने बताया कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों से अपेक्षा है कि वे संदेश को आगे ले जाएंगे और दलित समुदाय तक पहुंच कायम करने के लिए ऐसे ही अभियान राज्यों में चलाएंगे.
राउत ने पूछा कि फिर उनके शासनकाल में संविधान एवं दलितों पर कथित हमले क्यों हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में संविधान पर हमला हो रहा है. समुदाय को शैक्षणिक और रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा रहा है. विभिन्न मुद्दों पर समुदाय के सदस्यों में गुस्सा है. बैठक में इन्हीं मुद्दों को उजागर किया जाएगा. बता दें कि देश में करीब 17 फीसदी मतदाता दलित समुदाय के हैं. अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए 84 संसदीय सीटें आरक्षित हैं.