लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा है कि आज तक सर्वोच्च न्यायलय में कोई भी जज एससी-एसटी वर्ग से नहीं हुआ. ऐसे में न्यायिक व्यवस्था में भी आरक्षण लागु होना चाहिए.
नई दिल्ली. आरक्षण को लेकर देश में जारी कई आंदोलनों के बीच केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने न्यायिक व्यवस्था में भी आरक्षण की हिमायत की है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि देश की न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम ये मांग उठाते हैं तो सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यह असंवैधानिक है और पूरा नहीं किया जा सकता. ऐसे में न्यायिक व्यवस्था की स्थापना होनी चाहिए. इसके लिए प्रतियोगी परीक्षा हो और उसके आधार पर इसमें आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के कार्यक्रम के संबोधन में कहा थी कि न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण हो. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालयों में एससी- एसटी वर्ग से आज तक कोई जज नहीं हुआ है. जिस कारण न्यायलय में सही तरीके से समाज का पक्ष नहीं रखा जाता है.
रामविलास पासवान ने कहा है कि पीएम मोदी की सरकार ने एससी- एसटी वर्ग के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. सरकार ने उनके लिए कई मजबूत काम किए. पासवान ने कहा कि विपक्षी पार्टियां देश में आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रही हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को हमेशा ही अपमानित किया है. वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावति पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने एससी-एसटी एक्ट को ही निरस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि ये सभी पार्टियां दलित प्रेम का नाटक कर रही है.
Ideally, there should be a reservation in Indian Judiciary but if we demand this the Supreme Court will say it is unconstitutional, so Indian Judicial service should be set up. Let there be a competitive exam: Ram Vilas Paswan, Union Minister pic.twitter.com/q9drjf0Sec
— ANI (@ANI) April 15, 2018
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