Happy Baisakhi 2018: बैसाखी का संबंध फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है. बैसाखी का त्योहार सूर्य के मेष राशि में आने पर मनाया जाता है. इस दिन दान व स्नान का खास महत्व होता है. इस दिन आम, पंखा, सत्तू और कपड़े आदि कई चीजें दान करना शुभ होता है.
नई दिल्ली. आज देश भर में बैसाखी का त्योहार मनाया जा रहा है. ये त्योहार सूर्य के मेष राशि में आने पर मनाया जाता है. आज से ही वैशाख का महीना आरंभ होता है. ज्योतिषी के अनुसार जिस तरह मकर संक्रांति का महत्व होता है, ठीक उसी तरह वैशाख संक्रांति का भी खास महत्व होता है. वैशाख के दिन सूर्य राशिचक्र की 12 राशियों में से सबसे पहली राशि में प्रवेश करता है. सूर्य की गणना के अनुसार आज से नया साल की शुरुआत होती है.
बैसाखी पर स्नान महत्व
बैसाखी के अर्थ की बात करें तो ये शब्द बैसाख माह से बना है. ये पर्व उत्तर भारत में विशेष तौर पर मनाया जाता है. मुख्यत: यह पर्व पंजाब, राजस्थान और हरिणाया में मनाया जाता है. ये पर्व किसानों के लिए कई मायनों में खास होता है. बैसाखी किसानों के लिए नई उम्मीद और उमंग लेकर आता है. मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि बैसाखी के बाद ही गेहूं की फसल की कटाई शुरू होती है इसीलिए कृषि और किसानों के लिए ये त्यौहार खास होता है. सिखों व पंजाबी इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. सिख समुदाय के लोग इसे सामूहिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं. बताया जाता है कि वैशाख की षष्ठी तिथि को ही खालसा पंथ की स्थापना की गई थी.
बैसाखी पर दान और पूजा
बैसाख खुशियों का त्योहार होता है. इस दिन गंगास्नान और दान करना काफी शुभ बताया जाता है. इस दिन सूर्योदय सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर होगा. सूर्योदय से लेकर 2 बजकर 34 मिनट तक संक्रांति का पुण्यकाल रहेगा, इस अवधि में स्नान दान किया जाएगा. बैसाखी पर पानी से भरा घड़ा दान करना काफी शुभ माना जाता है ऐसा करने से कहा जाता है कि परलोक में प्यासा नहीं रहना पड़ता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन जौ दान सोना दान करने सामान पुण्यमाना जाता है. इसीलिए इस दिन जौ दान अवश्य करें. इसके अलावा इस दिन श्रद्धालु आम, पंखा, सत्तू और कपड़े आदि भी दान कर सकते हैं.
स्नान व दान का शुभ मुहूर्त
14 अप्रैल 2018 – शनिवार को 8:45 से 02:34 तक
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