नई दिल्ली. आज भी भले ही अमर सिंह को ‘बाहरी’ का तमगा दिया गया है लेकिन कभी उन्हें सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का दाहिना हाथ भी कहा जाता था. आज एक बार फिर से अमर सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर मुलायम सिंह ने साबित कर दिया है कि अमर ‘बाहरी’ नहीं हैं.
राजनीति में कब, कहां और कौन सी चाल कितनी चलनी है यह अमर सिंह बखूबी जानते हैं. अमर सिंह ने उस वक्त अपनी ताकत दिखाई थी जब परमाणु समझौते के कारण केंद्र में कांग्रेस की सरकार अल्पमत के कारण गिर गई थी क्योंकि उस समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. उस समय अमर सिंह के कहने पर ही समाजवादी पार्टी ने 39 सदस्यों के साथ संप्रग सरकार को समर्थन दिया था. यही वह समय था जिसने अमर सिंह को यूपी की राजनीति का बादशाह बना दिया.
हालांकि अमर सिंह पर भ्रष्टाचार के कई मामले भी चल रहे हैं. अमर सिंह पर 2008 में नोट के बदले वोट का आरोप लगा. पहले तो उन्हें इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया, लेकिन 2011 में इस मामले में अमर सिंह को तिहाड़ जेल भी भेजा गया. 2010 में अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद अमर सिंह ने राजनीति से संन्यास लेने की भी घोषणा की थी.
बॉलीवुड से रिश्ता- अमर सिंह का रिश्ता राजनीति के साथ-साथ ग्लैमर की दुनिया से भी रहा है. बॉलीवुड के कई कार्यक्रमों में उनकी बखूबी सहभागिता रही है. अमर सिंह देवानंद की फिल्म ‘चार्जशीट’ में गृहमंत्री का किरदार निभाते नजर भी आए थे. अमिताभ बच्चन, अनिल अम्बानी और सुब्रत राय से अमर सिंह की खासी यारी रही है.
विवादों से पुरानी यारी- बाराबंकी जमीन मामला, दादरी परियोजना, उत्तरप्रदेश खनिज विकास परिषद, सहारा द्वारा प्रायोजित लखनऊ में सहारा शहर योजना कुछ जैसे विवादों में अमर सिंह का नाम रहा है.
यूपी के कद्दावर नेता कहे जाने वाले अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 को आजमगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम हरीशचंद्र सिंह और माता का नाम शैलकुमारी सिंह है. उनकी पत्नी का नाम पंकजा कुमारी है, उनकी दो बेटियां हैं. अमर सिंह को पहली बार 1996 में राज्य सभा का सदस्य मनोनित किया गया था.