लैंड बिल: गडकरी ने दी खुली बहस की चुनौती

भूमि अधिग्रहण विधेयक को राजनीतिक रंग नहीं देने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्ना हजारे सहित विभिन्न नेताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है और राष्ट्रहित में इसे पारित कराने में सहयोग मांगा है. गडकरी ने संसद भवन कहा, 'इस विषय पर सोनिया गांधी, अन्ना हजारे समेत विभिन्न नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है.' 

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लैंड बिल: गडकरी ने दी खुली बहस की चुनौती

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  • March 19, 2015 8:30 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. भूमि अधिग्रहण विधेयक को राजनीतिक रंग नहीं देने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्ना हजारे सहित विभिन्न नेताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है और राष्ट्रहित में इसे पारित कराने में सहयोग मांगा है. गडकरी ने संसद भवन कहा, ‘इस विषय पर सोनिया गांधी, अन्ना हजारे समेत विभिन्न नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है.’ 

गडकरी ने कहा कि इस विधेयक के बारे में जो बातें कही जा रही हैं वह जमीनी हकीकत से परे है और इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के पारित होने पर अधिक से अधिक रोजगार पैदा किया जा सकेगा, सिंचाई के साधन विकसित होंगे, सडक संपर्क बढ़ेगा, स्कूल और अस्पताल खुल सकेंगे. केंद्रीय ने कहा कि इसके तहत 80% अधिग्रहण तो सिर्फ सिंचाई के लिए होगा और सिंचाई के साधन बढ़ेंगे तो खाद्यान्न उत्पादन बढ़ेगा.

गडकरी ने दावा किया, ‘यूपीए सरकार ने जो कानून बनाया था, उसमें 13 ऐसे कानून थे जो इसके दायरे में नहीं थे जिसमें कोयला, रेलवे से जुड़े मामले शामिल हैं. हमने इसमें ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा के साथ औद्योगिक कॉरिडोर जोड़ा है.’ उन्होंने कहा कि इसलिए यह कहना गलत है कि यह किसान विरोधी है बल्कि इसमें तो किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखा गया है और भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ाकर चार गुना किया गया है. गडकरी ने कहा, ‘हम विपक्ष, सामाजिक कार्याकर्ता अन्ना हजारे और अन्य लोगों से कहते हैं कि आप किसी भी मंच पर आएं, चाहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया या कोई अन्य मंच हो, हम खुली चर्चा करने को तैयार है. इस बारे में खुली चर्चा हो जाए.’

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