October Movie Review: शूजित सरकार की फिल्म अक्टूबर सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. मसाला, एक्शन और रोमांस फिल्मों के शौकीन दर्शक अगर वरुण धवन की इस फिल्म में भी वहीं सब देखने की उम्मीद कर रहे हैं तो आप थोड़ा निराश हो सकते हैं. वरुण और बनीता संधू स्टारर अक्टूबर में एक्शन नहीं, बल्कि एक अलग तरह का रोमांस देखने को मिलने वाला हैं.
मुंबई. इस फिल्म में कोई विलेन नहीं है, कोई गाना भी नहीं है, एक भी हॉट सीन यहाँ तक की किस सीन भी नहीं है, फाइट सीन भी नहीं है, ढंग से कोई टू वे रोमान्स भी नहीं दिखता. आपने अब तक वरुण धवन की फिल्मों में जो कुछ देखा था यानि डांस, मस्ती, बोल्ड सांग्स, फाइट. इसमें कुछ भी नहीं है. आप कहेंगे कि जब कुछ भी नहीं है तो फिल्म देखने क्यों जाएँ, वो इसलिए क्योंकि फिल्म में एक अलग किस्म की फीलिंग्स हैं, अलग किस्म का रोमांस है. सुजीत सरकार की बाकि फिल्मों की ही तरह ये भी अलग थीं और बनी है. फिल्म में बस ह्यूमर है, और ढेर सारे इमोशंस. टारगेट्स पूरा करने की रोजाना की जद्दोजहद में आप जो भूल गए हैं, जिंदगी की उन्हीं फीलिंग्स और लम्हों को कैद करने की कोशिश की है सुजीत सरकार ने, और ये वाकई रिस्की है क्योंकि जो शख्स वरुण धवन की इमेज पर फिल्म देखने जा रहा है, या कुछ एंटरटेनमेंट के मूड में है, उसको इस फिल्म को देखकर झटका लग सकता है. ऐसे में बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बातें तो भूल ही जाएँ, ये फिल्म अवार्ड्स के लिए बनी है.
कहानी एक फाइव स्टार होटल से शुरू होकर हॉस्पिटल में पहुंच जाती है, और इसको बंधे रखते हैं हरसिंगार के फूल. दानिश या डैन (वरुण) होटल मैनेजमेंट ट्रेनी है, उसके साथ शिवली (बनिता संधू) है, दोनों अलग अलग मिजाजों के हैं, सो नहीं बनती. डैन कोई भी काम ढंग से नहीं करता, लेकिन दिल का अच्छा होने की वजह से सब उसे पसंद करते है, उसके मैनेजर को छोड़कर. एक दिन शिवली टेरेस से गिर कर कोमा में पहुँच जाती है और फिर पूरी कहानी डैन के केयरिंग एटीट्यूड, एकतरफा लगाव, शिवली के ठीक होने और फिर एक अनयुसुअल किस्म के क्लाइमेक्स की है. तारीफ है लेखिका जूही चतुर्वेदी और डायरेक्टर सुजीत सरकार की कि ऐसे इमोशनल विषय में भी उन्होंने बड़े करीने से आखिर तक ठहाके लगाने के कई मौके दिए. करीने से उन्होंने फाइव स्टार होटल और एक बड़े होस्पिटल पर रिसर्च की है, जिससे फिल्म को बोर होने से बचाने के लिए उनसे जुड़े कई फनी इंसिडेंट्स डाले गए हैं. ये फिल्म आपको हृषिकेश मुखर्जी की फिल्मों की याद दिलाएगी.