राजस्थान में बाल-विवाह से तबाह हुई हजारों मासूमों की जिंदगी

राजस्थान में पिछले कई सालों से बाल विवाह कराया जाता रहा है. देश भर में इस प्रथा को रोकने के लिए कई तरह के अभियान भी चलाये जा रहे हैं, राजस्थान में भी इस प्रथा को खत्म करने के लिए लाख कोशिशें की जा रही है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वहां के हालातों में कुछ ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला है.

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राजस्थान में बाल-विवाह से तबाह हुई हजारों मासूमों की जिंदगी

Admin

  • September 19, 2016 11:57 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
जयपुर. राजस्थान में पिछले कई सालों से बाल विवाह कराया जाता रहा है. देश भर में इस प्रथा को रोकने के लिए कई तरह के अभियान भी चलाये जा रहे हैं, राजस्थान में भी इस प्रथा को खत्म करने के लिए लाख कोशिशें की जा रही है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वहां के हालातों में कुछ ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला है. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां 10 से 14 साल की उम्र के करीब 366 बच्चे तलाकशुदा हैं.
 
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रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इसी उम्र के कुल 3,506 बच्चे विधवा और 2,855 बच्चे सेपरेटेड हैं. इसी रिपोर्ट में सामने आया की इस 10 से 14 साल की उम्रसीमा के बच्चों में कुल 2.5 लाख बच्चे विवाहित हैं और 15 से 19 साल की उम्रसीमा में आने वाले बच्चों में कुल 13.62 लाख बच्चे शादीशुदा हैं.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि तलाक और सेपरेट होने की मुख्य वजह दहेज, बेटे-बेटी में फर्क और अवैध संबंध हैं. अलग होने और तलाक के बाद बच्चों की जिंदगी बहुत बेकार हो जाती है उन्हें नरक के जैसे जिंदगी जीना पड़ता है.
 
बता दें कि राजस्थान में आखातीज, दवऊठनी ग्यारस जैसे दिनों में कई बाल विवाह होते हैं. सरकार बाल विवाह को रोकने के लिए कई अभियान चला रही है लेकिन इन आंकड़ों पर अगर नजर डाले तो इन्हें रोक पाना मुश्किल लग रहा है.

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