उन्नाव गैंगरेप केस में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी नहीं होने पर राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. इस मामले की जांच सीबीआई करेगी. वहीं इस मामले में कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम भी आ रहा है. राजा भैया पर कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी रोकने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के आरोप लग रहे हैं.
उन्नाव. उन्नाव गैंगरेप मामले में फंसे बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने में कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम सामने आ रहा है. पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया है कि राज भैया कुलदीप सेंगर को बचाने के लिए दो दिन से सरकार पर दवाब बना रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राजा भैया के कहने पर ही योगी सरकार ने आरोपी विधायक को क्लीनचिट थमाई. उन्होंने कहा कि बाद में मुकदमा दर्ज करना पड़ा तो अब जांच की आड़ में गिरफ्तार करने से इंकार किया जा रहा है.
कुलदीप सिंह सेंगर गिरफ्तारी से यूं ही नहीं बच रहे बल्कि उनका रुतबा है. कुलदीप सिंह ठाकुर जाति के बड़े नेताओं में शुमार हैं इसीलिए वे सभी पार्टियों में राजनीतिक पकड़ रखते हैं. इतना ही नहीं वे अपने 20 साल के राजनीति के करियर में चार पार्टियों के साथ रह चुके हैं. ठाकुर बिरादरी के असरदार नेताओं के बीच अच्छी पैठ के कारण वे राजनीतिक दलों का दामन थामते रहे हैं. कुलदीप सेंगर का रुतबा ऐसा है कि पुलिसवाले भी हाथ जोड़े आशीर्वाद लेते नजर आते हैं. खुद लखनऊ डीजीपी ने कुलदीप सेंगर को माननीय कहकर संबोधित किया था. इस कारण उनकी काफी आलोचना हुई.
बता दें कि राजा भैया से करीबी के आरोप लगने के बाद अभी कोई सफाई नहीं आई है. हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में राजा भैया ने अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया था. इसके बाद से इन आरोपों को और बल मिल रहा है. वहीं कुलदीप सेंगर राजा भैया के करीबी माने जाते हैं. कहा जा रहा है कि राजनीतिक रसूख के कारण ही सूबे में हर दिन तीन एनकाउंटर करने वाली यूपी पुलिस के हाथ विधायक के गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
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